सार
इन दिनों शहर में जी-20 सम्मेलन की बैठक चल रही है यह बैठक सोमवार को शुरू हुई थी जोकि 3 दिन चली। 3 दिनों तक चलने वाली डिजिटल इकनोमिक वर्किंग ग्रुप की बैठक में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर साइबर सिक्योरिटी डिजिटल स्क्रीन जैसे विषय पर चर्चा हुई बैठक का उद्घाटन सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया ।
विस्तार
वर्ष 2023 में इंडोनेशिया को आसियान देशों के सम्मेलन की मेजबानी करनी थी और भारत को 2022 में जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करनी थी, परंतु इंडोनेशिया ने भारत से G – 20 सम्मेलन के आयोजन की अदला-बदली कर ली है। इस कारण से वर्ष 2023 में जी-20 कि सम्मेलन की मेजबानी भारत कर रहा है
3 दिनों तक चलने वाली डिजिटल इकनोमिक बेस्ट जी-20 बैठक का उद्घाटन सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया जबकि केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ,महेंद्र नाथ पांडे और राजीव चंद्रशेखर भी मौजूद रहे । समिट में जी-20 के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ 9 मेहमान देशों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। इस दौरान प्रदर्शनी का आयोजन भी हुआ इसमें डिजिटलाइजेशन के क्षेत्र में देश के प्रयासों के बारे में बताया गया।
क्या है G -20 ?
G -20 का गठन वर्ष 1999 में हुआ था इसको ग्रुप ऑफ़ 20 भी कहा जाता है। इसका अर्थ है 20 देशों का संगठन। यह यूरोपियन यूनियन और 19 देशों का एक अनौपचारिक समूह जी-20 शिखर सम्मेलन में इसके नेता हर साल होने वाले सम्मेलन में मिलते है और वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढ़ाने पर विचार-विमर्श करके चर्चा करते हैं।
कौन से देश शामिल?
जी- 20 देशों में कुल 20 देश शामिल है जिसमें प्रत्येक वर्ष अलग-अलग देश G -20 सम्मेलन की मेजबानी करते है । अगले वर्ष होने वाले सम्मेलन में मेजबान देश की घोषणा तत्कालीन हो रहे सम्मेलन के दौरान ही कर दी जाती है।
G-20 में शामिल देशों के नाम इस प्रकार से हैं-
1.अर्जेंटीना
2.ऑस्ट्रेलिया
3.ब्राजील
4.कनाडा
5.चीन
6.यूरोपियन यूनियन
7.फ्रांस
8.जर्मनी
9.भारत
10.इंडोनेशिया
11.इटली
12.जापान
13.रूस
14.सऊदी अरब
15. मेक्सिको
16.दक्षिण अफ्रीका
17. कोरिया गणराज्य
18. तुर्की
19.यूनाइटेड किंगडम
20.संयुक्त राज्य अमेरिका
इसलिए हुआ था जी -20 देशों का गठन…
प्रारंभ में जी-20 वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर का संगठन हुआ करता था इसका पहला सम्मेलन दिसंबर 1999 में जर्मनी की राजधानी बर्लिन में हुआ था। वर्ष 2008 में दुनिया ने भयानक मंदी का सामना किया इसके बाद इसे शीर्ष नेताओं के संगठन में तब्दील कर दिया गया । हम आपको बता दें कि इसके बाद से यह तय किया गया कि साल में एक बार जी-20 के नेताओं की बैठक की जाएगी जिसमें इन देशों के प्रमुख प्रधानमंत्री अथवा राष्ट्रपति को शामिल किया जाएगा।
जाने क्या है जी-20 देशों का मकसद..
इस मंच का सबसे बड़ा उद्देश्य आर्थिक सहयोग करना है इसमें शामिल देशों की कुल जीडीपी दुनिया भर के देशों की 80 फ़ीसदी है। इसके अलावा इन देशों का प्रमुख मकसद वैश्विक स्तर पर अपने g20 में शामिल देशों की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना है।
कैसी है जी-20 देशों की कार्यशैली यह भी जाने..
जी-20 में दो समानांतर ट्रक होते हैं – जिसमें पहला है वित्त ट्रैक और दूसरा है शेरपा ट्रैक।
शेरपा पक्ष की ओर से G -20 प्रक्रिया का समन्वय सदस्यों के शेरपाओ द्वारा किया जाता है,जो नेताओं के निजी प्रतिनिधि होते हैं। वित्त ट्रैक का नेतृत्व सदस्य देशों के वित्त मंत्री और सेंट्रल बैंक के गवर्नर करते हैं। दोनों ट्रैक के अंदर कार्य समूह है जिनमें सदस्यों से संबंधित मंत्रालयों के साथ आमंत्रित अतिथि देशों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं । वित्त ट्रैक मुख्य रूप से वित्त मंत्रालय के नेतृत्व में है। यह कार्य समूह अध्यक्षता के पूरे कार्यकाल में नियमित बैठकें करते हैं । शेरपा पूरे साल के दौरान हुई वार्ताओं का पर्यवेक्षण करते हैं शिखर सम्मेलन के लिए एजेंडे पर चर्चा करते हैं।