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Home»Environment»Globle Warming (ग्लोबल वार्मिंग)
Environment

Globle Warming (ग्लोबल वार्मिंग)

By Archana Dwivedi
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वर्तमान में मानवीय गतिविधियों के कारण उत्पन्न ग्रीनहाउस गैसों के प्रभावस्वरूप पृथ्वी के दीर्घकालिक औसत तापमान में हुई वृद्धि को वैश्विक तापन/ग्लोबल वार्मिंग कहा जाता है।

एक सतत प्रक्रिया है, वैज्ञानिकों को आशंका है कि 2035 तक औसत वैश्विक तापमान अतिरिक्त 0.3 से 0.7 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है।

ग्लोबल वार्मिंग का कारण

ग्लोबल वार्मिंग का सबसे बड़ा कारण है वनोन्मूलन एवं तापमान का बढ़ना। क्योंकि इससे ग्लोबल वार्मिंग का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ता है। लगातार हो रही पेड़ों की कटाई एवं बढ़ रहे प्रदूषण के कारण पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, तापमान में वृद्धि हो रही है जिससे जीव जंतुओं वनस्पतियों तथा जल जीवो पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा है। मानव जाति अपने स्वार्थ हित लगातार पेड़ों की कटाई कर रहे हैं जिससे यह संकट बढ़ता जा रहा है। सरकार को इस पर रोक लगाने हेतु उपाय सुनिश्चित करने चाहिए जिससे ग्लोबल वार्मिंग से होने वाले खतरों को रोका जा सके।

जबकि ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी के औसत वैश्विक तापमान में वृद्धि करने के लिए जाना जाता है।ज्वालामुखी विस्फोट भी ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार हैं। यह कहना है कि, इन विस्फोटों से कार्बन डाइऑक्साइड के टन निकलते हैं जो ग्लोबल वार्मिंग में योगदान करते हैं। इसी तरह, मीथेन भी ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार एक बड़ा मुद्दा है।

उसके बाद, ऑटोमोबाइल और जीवाश्म ईंधन के अत्यधिक उपयोग से कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है। इसके अतिरिक्त, खनन और पशु पालन जैसी गतिविधियाँ पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक हैं। सबसे आम मुद्दों में से एक है जो तेजी से हो रहा है वनों की कटाई।

इसलिए, जब कार्बन डाइऑक्साइड के अवशोषण के सबसे बड़े स्रोतों में से एक ही गायब हो जाएगा, तो गैस को विनियमित करने के लिए कुछ भी नहीं रहेगा। इस प्रकार, यह ग्लोबल वार्मिंग परिणाम देगा। ग्लोबल वार्मिंग को रोकने और धरती को फिर से बेहतर बनाने के लिए तुरंत कदम उठाए जाने चाहिए।

ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव

ग्लोबल वार्मिंग का खतरनाक मौसम, तूफान, लू, सूखे और बाढ़ से संबंध

वैश्विक तापमान में वृद्धि से तूफान, बाढ़, जंगल की आग, सूखा और लू के खतरे की आशंका बढ़ जाती है। एक गर्म जलवायु में, वायुमंडल अधिक पानी एकत्र कर सकता है और बारिश कर सकता है, जिससे वर्षा के पैटर्न में बदलाव हो सकता है।

बढ़ी हुई वर्षा से कृषि को लाभ हो सकता है, लेकिन एक ही दिन में अधिक तीव्र तूफानों के रूप में वर्षा होने से, फसल, संपत्ति, बुनियादी ढांचे को नुकसान होता है और प्रभावित क्षेत्रों में जन-जीवन का भी नुकसान हो सकता है।

ग्लोबल वार्मिंग के कारण समुद्री सतह का तापमान भी बढ़ जाता है क्योंकि पृथ्वी के वातावरण की अधिकांश गर्मी समुद्र द्वारा अवशोषित हो जाती है। गर्म समुद्री सतह के तापमान के कारण तूफान का बनना आसान हो जाता है। मानव-जनित ग्लोबल वार्मिंग के कारण, यह आशंका जताई जाती है कि तूफान से वर्षा की दर बढ़ेगी, तूफान की तीव्रता बढ़ जाएगी और श्रेणी 4 या 5 के स्तर तक पहुंचने वाले तूफानों का अनुपात बढ़ जाएगा।

ग्लोबल वार्मिंग दो मुख्य तरीकों से समुद्र के जल स्तर को बढ़ाने में योगदान देता है। सबसे पहले, गर्म तापमान के कारण ग्लेशियर और भूमि-आधारित बर्फ की चादरें तेजी से पिघलती हैं, जो जमीन से समुद्र तक पानी ले जाती हैं। दुनिया भर में बर्फ पिघलाने वाले क्षेत्रों में ग्रीनलैंड, अंटार्कटिक और पहाड़ के ग्लेशियर शामिल हैं।

वैश्विक स्तर पर कौन सी संस्थाएं खोज रही इसका समाधान: वैश्विक चर्चा

अधिकांश वैज्ञानिक लोगो के भरोसे को आवाज देते हुए , विश्व मौसम विज्ञान संगठन( WMO) और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा 1988 में इंटरगवर्नमेंटल इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी ) का गठन किया गया था । 2021 में प्रकाशित IPCC की छठी आकलन रिपोर्ट (AR6) में कहा गया है कि 1850 और 2019 के बीच वैश्विक औसत सतह के तापमान में वृद्धि का सबसे अच्छा अनुमान 1.07 °C (1.9 °F) था। और आगे भी यह तापमान लगातार बढ़ रहा। है

ग्लोबल वार्मिंग से होने वाले खतरों से बचने के उपाय

  • बिजली के उपयोग को सीमित करना जो कार्बन डाइऑक्साइड की रिहाई को रोक देगा।
  • सरकार के हिस्से पर, उन्हें औद्योगिक कचरे को नियंत्रित करना चाहिए और उन्हें हवा में हानिकारक गैसों को बाहर निकालने से रोकना चाहिए।
  • वनों की कटाई को तुरंत रोका जाना चाहिए और पेड़ों के रोपण को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
  • “हर घर एक पौधा” योजना को बढ़ावा देना चाहिए प्रत्येक व्यक्ति को अधिकाधिक वृक्षारोपण करना चाहिए।
  • कारखानों में चिमनियों का प्रयोग करना चाहिए जिससे प्रदूषण कम हो सके और सरकार को भी इसके लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने चाहिए।

हम सभी को इस तथ्य का एहसास होना चाहिए कि बढ़ते हुए तापमान और ग्लोबल वार्मिंग के कारण हमारी पृथ्वी अत्यंत पीड़ित है। पृथ्वी हमें सुरक्षा प्रदान करती है तथा हमारे जीवन यापन के लिए अनेक संसाधन हमें उपलब्ध कराती है तो इस प्रकार हमारी भी उसके प्रति कुछ जिम्मेदारियां हैं। हमें उसकी रक्षा के संकल्प लेना चाहिए क्योंकि पृथ्वी हमारी माता भी है ।पर्यावरण में उपस्थित जीव जंतुओं के प्रति भी हमारी कुछ जिम्मेदारियां हैं उनको बचाने हेतु हमें ग्लोबल वार्मिंग को खत्म करने के उपाय सोचने चाहिए। हमारी पृथ्वी ठीक नहीं है। इसका इलाज करने की जरूरत है और हम इसे ठीक करने में मदद कर सकते हैं। वर्तमान पीढ़ी को भविष्य की पीढ़ियों की पीड़ा को रोकने के लिए ग्लोबल वार्मिंग को रोकने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इसलिए, हर छोटा कदम, कोई फर्क नहीं पड़ता कि कैसे छोटा वजन बहुत वहन करता है और ग्लोबल वार्मिंग को रोकने में काफी महत्वपूर्ण है।

ग्लोबल वार्मिंग पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  • ग्लोबल वार्मिंग क्या है?
  • ग्लोबल वार्मिंग की क्या कारण है?
  • ग्लोबल वार्मिंग कैसे होता है ?
  • ग्लोबल वार्मिंग से होने वाले प्रभाव ।
  • ग्लोबल वार्मिंग से नदियों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
  • जीव जंतुओं पर होने वाले प्रभाव
  • ग्लोबल वार्मिंग को कैसे कम किया जा सकता है?
  • ग्रीनहाउस गैस क्या है?
  • पर्यावरण को लेकर कौन सी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं कार्यरत हैं?
  • वैश्विक स्तर पर ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा कौन सी संस्थाएं करती हैं?

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