किसी भी देश की खुशहाली और विकास इस बात पर निर्भर करता है कि वहां रहने वाले लोग कितने पढ़े-लिखें हैं। ऐसे में लोगों को साक्षरता के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। भारत में भी इसको लेकर कई प्रयास किए जा रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2024 की थीम
इस वर्ष का विषय, ‘ बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देना: आपसी समझ और शांति के लिए साक्षरता ‘ इस बात पर जोर देता है कि बहुभाषी दृष्टिकोण न केवल साक्षरता क्षमताओं को विकसित करने में सहायक है; बल्कि यह अंतर-सांस्कृतिक संवाद, आपसी समझ और शांति को भी बढ़ावा देता
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का कारण
1967 से, अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस (ILD) का वार्षिक उत्सव 8 सितंबर को दुनिया भर में मनाया जाता है ताकि नीति-निर्माताओं, चिकित्सकों और जनता को अधिक साक्षर, न्यायपूर्ण, शांतिपूर्ण और टिकाऊ समाज बनाने के लिए साक्षरता के महत्वपूर्ण महत्व की याद दिलाई जा सके
साक्षरता दिवस मनाने की शुरुआत साल 1965 में ईरान के तेहरान में आयोजित शिक्षा मंत्रियों के विश्व सम्मेलन से हुई थी. हालांकि इसके अगले साल यानी 1966 में यूनेस्को ने आधिकारिक तौर पर 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में घोषित किया था
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का उद्देश्य
साक्षरता में व्यक्तियों को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने, अपने ज्ञान और क्षमता को विकसित करने और अपने समुदाय और व्यापक समाज में पूरी तरह से भाग लेने में सक्षम बनाने के लिए सीखने की निरंतरता शामिल है।