सार
हाल ही में न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री के रूप में क्रिस हिपकिंग्स ने शपथ ली है। वे न्यूजीलैंड के 41वे प्रधानमंत्री बने हैं। उन्होंने कोविड महामारी के दौरान स्वास्थ्य प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई थी । कार्मेल सेपुलोनी ने उप प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।
विस्तार
न्यूजीलैंड में लेबर पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री के रूप में जेसिंड आर्डन की जगह लेने के लिए हिपकिंग्स एकमात्र उम्मीदवार बने इसलिए यह तय माना गया कि वही देश के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे। इससे पहले हिपकिंग कैबिनेट मंत्री के तौर पर शिक्षा ,पुलिस और पब्लिक सर्विस के कामकाज देख रहे थे।
पहली बार साल 2008 में न्यूजीलैंड के सांसद के तौर पर चुने गए थे। 2020 में आई कोरेना महामारी के दौरान ही हिपकिंग्स के काम को काफी सराहना दी गई। न्यूजीलैंड पहला देश बना जिसने खुद को कोरेना मुक्त घोषित किया था। 50 लाख से अधिक जनसंख्या वाले देश में होने वाले चुनाव में जसिंडा आर्डेन ने चुनाव में भाग लेने से मना कर दिया और अगले उम्मीदवार के तौर पर केवल हिपकिंग्स चुनाव में खड़े हुए, जिन्हें न्यूजीलैंड का प्रधानमंत्री घोषित कर दिया गया।
क्रिस हिपकिंग्स के बारे में…
क्रिस हिपकिंग्स का पूरा नाम क्रिस्टोफर जॉन हेस्टिंग्स है। इनका जन्म 5 सितंबर 1978 को हट वैली न्यूजीलैंड में हुआ था । हिप्किंग्स विक्टोरिया विश्वविद्यालय वेलिंगटन में इन्होंने स्नातक शिक्षा हासिल की। हिपकिंग के पेरेंट्स न्यूजीलैंड काउंसलिंग फॉर एजुकेशन रिसर्च से जुड़े थे। वर्ष 2008 में इनको पहली बार 29 वर्ष की आयु में लेबर पार्टी की तरफ से रेमुटाका सीट पर चुनाव लड़ने का मौका मिला इसके बाद वे संसद तक पहुंचे। अपने संसदीय कार्यकाल के शुरुआती 9 साल में हिपकिंग्स लेबर पार्टी के प्रवक्ता और एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़ी कई पार्लियामेंट्री कमेटी के सदस्य भी रहे।
जाने कैसे हैं भारत-न्यूजीलैंड के संबंध..
भारत और न्यूजीलैंड इन दोनों देशों के संबंध अच्छी माने जाते हैं ।वर्ष 1952 में भारत और न्यूजीलैंड के बीच द्विपक्षीय संबंध स्थापित हुए थे। दोनों देश कभी ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा हुआ करते थे । न्यूजीलैंड के वेलिंगटन में भारत का उच्च आयोग स्थित है ,साथ ऑकलैंड में एक मानक वाणिज्य दूतावास भी है जबकि न्यूजीलैंड का नई दिल्ली में एक उच्चायोग स्थित है । न्यूजीलैंड की राजधानी वेलिंगटन है तथा मुद्रा न्यूजीलैंड डॉलर है।
हम आपको बता दें कि वर्ष 2016 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पहले ऐसे राष्ट्रपति थे, जिन्होंने न्यूजीलैंड की यात्रा की थी। हालांकि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग काफी सीमित है लेकिन दोनों देशों के व्यापारिक संबंध काफी मजबूत है। भारत न्यूजीलैंड के मध्य फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भी साइन लागू हुआ है।