करवा चौथ का त्योहार सुहागिन स्त्रियों के लिए सबसे शुभ माना जाता है क्योंकि इस दिन महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र की कामना करने हेतु यह व्रत रखती हैं यह व्रत निर्जला रहा जाता है। करवा चौथ का त्योहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चौथ पर मनाया जाता है। इस वर्ष होने वाले करवा चौथ व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्ध और शिव योग का संयोग भी बन रहा है इस शुभ संयोग से इस व्रत की महत्व और भी ज्यादा बढ़ गई है।
पूजा करने का शुभ समय
ज्योतिष केंद्र के आचार्य एस एस एन के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि मंगलवार रात 9:30 बजे से शुरू होगी और अगले दिन बुधवार रात 9:19 तक रहेगी ऐसे में उदया तिथि और चंद्रमा के उदय के समय को देखते हुए करवा चौथ का व्रत बुधवार को रखना ही शुभ होगा । उन्होंने बताया कि इस बार करवा चौथ के दिन सर्वार्थ सिद्ध और शिव योग का सहयोग बना रहा है।
इस वजह से बुधवार के दिन सुबह 6:33 बजे से गुरुवार सुबह 4:36 बजे तक यह सिद्ध योग रहेगा ।वहीं बुधवार को सुबह 2:07 से शिव योग शुरू हो जाएगा इन दोनों शुभ संयोग सुहागन स्त्रियों के लिए काफी फलदाई होगा।
यदि हम बात करें कि करवा चौथ के पूजन का शुभ मुहूर्त बुधवार शाम 5:24 बजे से 6:41 बजे तक रहेगा चंद्रोदय रात 8:00 बजे के बाद होगा।
सौभाग्य का प्रतीक है यह करवा चौथ का यह व्रत
करवा चौथ का व्रत महिलाओं के लिए काफी शुभ माना जाता है क्योंकि महिलाएं इसमें अपने पति के लंबी उम्र की ईश्वर से कामना करती हैं । सौभाग्यवती स्त्रियां इस दिन पति के स्वस्थ दीर्घायु जीवन की मंगल कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती हैं । यह व्रत सौभाग्य देता है । इस व्रत में शिव पार्वती कार्तिकेय और गणेश जी की पूजा कर पहले सबसे पहले किया जाता है इसके बाद शाम को चंद्रमा के दर्शन करके और अर्ध्य देकर व्रत पूरा किया जाता है।