Browsing: कितनी बार करना चाहिए भ्रामरी प्राणायाम स्वर को मधुर बनाने के लिए आवशयक प्राणायाम

भ्रामरी का अर्थ है -भवँरे का गुंजन । इस प्राणायाम में  रेचक करते समय भ्रमर के समान गुंजन की आवाज निकलती है इसलिए इसे मधुमक्खी श्वास भी कहा जा सकता है। भ्रामरी (बी ब्रीथ) ध्यान के लिए एक प्रभावी प्राणायाम (श्वास व्यायाम) है। भ्रामरी प्राणायाम थकान और मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है