उत्तर प्रदेश में नारी शक्ति व सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए जिला लखीमपुर खीरी में नारी शक्ति वंदन के तहत मिशन शक्ति का अभियान चलाया जा रहा है । यह सम्मेलन लखीमपुर में डीजी रोड स्थित वंदन पार्क में आयोजित किया गया जिसमें महिलाओं को उनके अधिकारों व शक्तियों के लिए जागरूक किया गया।
महिला सुरक्षा के तहत इस मिशन शक्ति को बढ़ावा देने वाली लखीमपुर सदर कोतवाली की आरक्षी प्राची द्विवेदी ने लोगों को संबोधित किया और उन्होंने बताया कि महिलाओं और बच्चियों को किसी से डरना नहीं है बल्कि आगे बढ़कर उसका सामना करना है।
इसके अलावा प्राची द्विवेदी ने बालिकाओं और महिलाओं की सुरक्षा हेतु जारी किए गए नंबर से भी अवगत कराया कि कैसे वे अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकती हैं। जानते हैं कि कौन से है वह नंबर –
वूमेन पावर लाइन 1090।
वीमेन हेल्पलाइन नंबर 181
चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098
एंबुलेंस सेवा 108
गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं के लिए एंबुलेंस हेल्पलाइन नंबर 102।
पुलिस आपातकालीन सेवा 112
अग्नि शमन सेवा 101
साइबर हेल्पलाइन 1930
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076
नारी शक्ति वंदन सम्मेलन
नारी शक्ति वंदन सम्मेलन में भारी संख्या में महिलाएं शामिल हुई इसमें केंद्रीय राज्य गृहमंत्री अजय मिश्रा और सदर विधायक विधायक योगेश वर्मा ने उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया। इसमें आरक्षी प्राची द्विवेदी को को भी उनके उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मानित किया गया ।
नारी शक्ति वंदन सम्मेलन का उद्देश्य
महिलाओं के सशक्तिकरण के माध्यम से ही समाज उनका विकास सुनिश्चित कर सकता है। भारत सरकार देश में “नारी शक्ति” को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। देश में महिलाओं को सशक्त करने के लिए नारी शक्ति वंदन एक्ट लागू किया गया यह देश में महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने और उनके विकास के रास्ते में आने वाली किसी भी बाधा को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है। मिशन शक्ति भी इसी का एक भाग है जो कि महिलाओं को जागरूक और सशक्त करने के लिए चलाए जा रहा है।
इस कविता द्वारा प्राची द्विवेदी ने महिलाओं को किया जागरूक
नारी शक्ति वंदन सम्मेलन में भारी संख्या में महिलाओं के साथ- साथ स्कूल की बालिकाएं , पुलिस विभाग में तैनात महिलाएं, समाजसेवी संगठन की महिलाएं और महिला ग्राम प्रधान के अलावा अन्य विभागों की महिलाएं भी में शामिल हुई जिसमें आरक्षी प्राची द्विवेदी ने लोगों को इस कविता द्वारा किया संबोधित
जब भी कोई जिम्मेदारी नारियों पर आई
तब तब उस जिम्मेदारी को निभाने लगी नारियां
घर क्या कहेगा, परिवार क्या कहेगा, यह समाज क्या कहेगा, यह भी सोचने लगी नारियां…………