लखनऊ। उत्तर प्रदेश के 45 हजार मनरेगा कर्मचारियों के मुद्दों पर क्रमिक अनशन पर बैठे संजय दीक्षित को भारी जनसमर्थन मिलना शुरू हो गया है। आज आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह संजय दीक्षित के आवास पर पहुंचे और मनरेगा कर्मचारियों के लिए समान काम ,समान वेतन ,व सेवा प्रदाता के माध्यम से हो रही सरकारी भर्ती नीति पर संजय दीक्षित के क्रमिक अनशन को समर्थन की घोषणा की।
वही नवगठित एनसीसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत सिंह बागी ने भी संजय दीक्षित के साथ इस मुहिम को समर्थन करने का एलान किया है।
उत्तर प्रदेश में मनरेगा योजना में कार्यरत 45000 संविदा कर्मियों के अधिकारों के लिए क्रमिक अनशन पर बैठे केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद के पूर्व सदस्य संजय दीक्षित ने बताया,
“की लंबे समय से उत्तर प्रदेश के मनरेगा कर्मचारी अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे है,पिछले 14 सालों के संघर्ष ,सेवा के बाद भी आज उत्तर प्रदेश के 45 हजार परिवार खाली हाथ है और वो सरकार की तरफ़ उम्मीद भरी नजरें लगाए हुए है । लेकिन इन्हें राहत देने के बजाय उत्तर प्रदेश सरकार मनरेगा में सेवा प्रदाता नीति के तहत नई भर्तियां करने जा रही है जिसके लिए निजी सेवा प्रदाता को भर्ती करने का अधिकार मिल जाएगा और शोषण के चैनल में एक और चैनल की बढ़ोत्तरी हो जाएगी।
आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी संजय सिंह को अनशन स्थल ओर अवगत कराते हुए संजय दीक्षित ने बताया कि,
“उच्च न्यायालय के समान काम,समान वेतन आदेश को देश मे सबसे पहले दिल्ली में आम आदमी पार्टी के द्वारा लागू किया गया था, साथ ही हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में जिस तरह मनरेगा के संविदा कर्मियों को समायोजित किया है अगर सरकार इच्छा शक्ति दिखाए तो उत्तर प्रदेश में भी किया जा सकता है।
संजय दीक्षित ने इंडिया मित्र से बात करते हुए कहा,
“मेरे आवास पर आज दो बार पुलिस आयी और मेरे कालोनी के गार्ड से इंस्पेक्टर कहकर गए कि अनशन खत्म नही किया तो दीक्षित को उठाकर बन्द कर देंगे। मेरा सरकार से सवाल है कि ये कैसा लोकतंत्र है जिसमें एक इंसान गांधी जी की तस्वीर के साथ अपने निजी आवास में बैठकर सरकार की गलत नीतियों का विरोध नही कर सकता।”
जिस तरह मुझ पर दबाव बनाया जा रहा है ये स्वस्थ लोकतंत्र की निशानी नही है। सेवा प्रदाता नीति से भर्ती,संविदा नीति से भर्ती खुलेआम देश के युवाओं का, मेहनतकशों का, मजदूरों का जमींदारी प्रथा की मानिंद शोषण है। केवल उसका नाम बदल दिया गया है।
संविदा और सेवा प्रदाता नीति के तहत इंजीनियर, अकाउंटेंट, जैसे पदों तक भर्ती की जा रही है सोचिए देश के युवाओं का भविष्य आने वाले समय मे क्या होगा।
भले मेरी गिरफ्तारी हो जाये मुझे कष्ट उठाने पड़े लेकिन इस मुद्दे पर चुप नही बैठा जा सकता अगर आज हम अपने बच्चों के भविष्य के लिए नही बोले तो आने वाली पीढियां हमे कभी माफ नही करेंगी, जिस तरह के नियम कानून हम पर लादे जा रही है हमारी चुप्पी हमें एक नए तरह की गुलामी की तरफ ले जाएगी और ले जा रही है, मैं सरकार का विरोधी नही हूँ, मैं गलत व्यवस्था का विरोधी हूँ, जो व्यवस्था सुधार करें मैं बिना शर्त उसका समर्थक हूँ।
नव गठित एनसीसी पार्टी के अध्यक्ष अजीत सिंह बागी ने बताया,
“हम बिना किसी शर्त संजय दीक्षित की इस मुहिम का समर्थन करते है और पूरे उत्तर प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ता आने वाले समय मे कंधे से कंधा मिलाकर संजय दीक्षित की इस मुहिम का समर्थ न करेंगे, ये युवाओं के हक ,अधिकार, सम्मान की लड़ाई है , श्रम के सम्मान की लड़ाई है।
बकौल संजय दीक्षित सभी सरकारी विभागों को मिलाकर उत्तर प्रदेश में लगभग 18 लाख संविदा कर्मी न्यूनतम मानदेय पर वर्षों से कार्य कर रहे है,जीवन का बहुमूल्य समय प्रदेश के संविदाकर्मियों ने सरकार की सेवा में दिए है।
सरकार को कम से कम मां. उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार समान काम, समान वेतन अविलंब लागू करना चाहिए और सेवा प्रदाता भर्ती तुरन्त खत्म करनी चाहिए जब तक हमारी मांगो पर सरकार विचार नहीं करती हम अपनी बात को निरन्तर गांधीवादी तरीको से उठाते रहेंगे औऱ गलत नीतियों विरोध करेंगे।
आम आदमी पार्टी को समर्थन के लिए धन्यवाद कहते हुए संजय दीक्षित ने कहा,
“प्रदेश और देश के मनरेगा व संविदा संगठन के साथी , विभिन्न राजनीतिक दलों के साथी , युवा संगठनों के साथियो के वैचारिक सहयोग से निश्चित रूप से मेरे मनोबल में वृद्धि हुई है और सबसे मेरा यही आग्रह है आप जहाँ भी और शालीन माध्यमो से गांधीवादी तरीके से अपने हक की लड़ाई लड़ते रहै और आवाज उठाते रहे अगर जरूरत हुई तो ये आंदोलन सड़क से संसद तक किया जाएगा।”