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भक्त पवित्रता, शांति और मातृत्व का आशीर्वाद पाने के लिए महागौरी की पूजा करते हैं। इस पोषण करने वाले रूप में, वह दिव्यता, दया और करुणा का प्रतीक है। उनकी पूजा करने से भक्तों को सभी पापों से मुक्ति मिलती है।

कात्यायनी माता नवरात्रि की छठी शक्ति हैं, जिनकी पूजा नवरात्रि के छठे दिन की जाती है। वह भगवान शिव की पत्नी और भगवान कार्तिकेय की माता हैं। कात्यायनी माता की महिमा अपरंपार है और वह अपने भक्तों को शक्ति, साहस, और ज्ञान प्रदान करती हैं।

मां कूष्मांडा को अष्टभुजा देवी कहा जाता है। उनकी आठ भुजाएं हैं। मां कूष्मांडा के हाथों में धनुष, बाण, कमल पुष्प, चक्र, गदा, कमंडल, जप माला और अमृकपूर्ण कलश कहता है। मां कुष्मांडा सिंह की सवारी करती है।

देवी चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालुओं को भूरे रंग के कपड़े पहनने चाहिए। मां चंद्रघंटा को अपना वाहन सिंह बहुत प्रिय है और इसीलिए गोल्डन रंग के कपड़े पहनना भी शुभ है। 

आज नवरात्रि का दूसरा दिन है। आज के दिन नवो  देवी माताओ में मां ब्रह्मचारिणी की आराधना की जाती है।आज के दिन  मां ब्रह्मचारिणी की विधि विधान से पूजा की जाएगी। उनकी आरती की जाएगी और मां का पसंदीदा भोग लगाया जाएगा। मां का यह स्‍वरूप श्‍वेत वर्ण का है।

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा ने स्वर्ग और पृथ्वी की रचना की थी। उन्होंने देवताओं के लिए कई अद्भुत वस्तुएँ बनाईं, जिनमें से एक थी भगवान इंद्र का वज्र। भगवान विश्वकर्मा ने ही भगवान शिव के लिए कैलाश पर्वत की रचना की थी।

इस साल परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 14 सितंबर शनिवार को रखा जाएगा। मान्‍यता है कि इस दिन भगवान विष्‍णु की विधि विधान से पूजा करने और व्रत करने से आपको सभी पापों से मुक्ति मिलने के साथ ही मोक्ष की भी प्राप्ति होती है