रक्षाबन्धन भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबन्धन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बन्धन बांधती है, जिसे राखी कहते हैं। रक्षाबंधन एक ऐसा त्योहार है जो भाई बहन के प्यार को और मजबूत बनाता है, इस त्योहार के दिन सभी परिवार एक हो जाते है और राखी, उपहार और मिठाई देकर अपना प्यार साझा करते है।
राहु काल में न बांधे भाइयों को राखी
राहु को बहुत ही बुरा योग माना जाता है । अच्छे और मांगलिक कार्यों को राहु काल में नही किया है । इसीलिए रक्षाबंधन के दिन राहु काल का ध्यान विशेष तौर पर रखे । पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन के दिन राहुकाल का समय शाम 5 बजकर 16 मिनट 31 सेकेंड से शाम 6 बजकर 54 मिनट 05 सेकेंड तक रहेगा । इस समय बहने अपने भाइयों को राखी न बांधे। इस बार दोपहर 01 बजकर 42 मिनट दोपहर से शाम 04 बजकर 18 मिनट तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है.
क्या इस रक्षाबंधन पड़ेगा भद्रा काल ??
राहु काल की तरह भद्रा काल को भी महत्वपूर्ण माना क्या है । होली एवं रक्षाबंधन पर भद्रा काल का विशेष ध्यान रखा जाता है । इस बार अच्छी बात यह है कि इस बार रक्षाबंधन में भद्रा काल नही पड़ने वाला है । परंतु 23 अगस्त 2021 को सुबह 05:34 से लेकर सुबह 06:12 बजे तक रहेगा।
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष पूर्णिमा तिथि के पंचांग के अनुसार 2021 में रक्षाबंधन 21 अगस्त शाम 7:00 बजे से लेकर 22 अगस्त शाम 5:00 बजे 31 मिनट तक रहेगा । रक्षाबंधन के दिन { 22 अगस्त } को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 05:50 बजे से शाम 06:03 बजे तक रहेगा । आप लोगों को बता दें कि 22 अगस्त रविवार को सावन मास का समापन हो जाएगा । इसी के साथ साथ 22 अगस्त रविवार को पूर्णिमा तिथि भी है । आप लोगों को बता दें कि इस पूर्णिमा को श्रावण मास की पूर्णिमा भी कहा जाता है । रक्षाबंधन के दिन सारी बहनें अपने भाइयों के लिए रक्षाबंधन की थाल बड़े ही प्रेम और स्नेह से सजाती है । रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों को कलाई पर राखी बांधी है , जिसका अर्थ होता है कि, उनके भाई उनकी रक्षा हमेशा करेंगे।