आजकल लगभग हर दूसरा शख्स मोबाइल में रील्स देखता नज़र आता है। Instagram, Facebook और YouTube Shorts पर स्क्रोल करते-करते घंटों बीत जाते हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अब यही आदत आपके लिए परेशानी का कारण बन सकती है। हाल के दिनों में कई लोग ऐसे झांसे में आ गए हैं जहाँ एक रील या स्क्रॉलिंग करते हुए किसी लिंक पर क्लिक करना उन्हें हजारों का चूना लगवा गया।
कैसे हो रही है ठगी?

झाँसा देने वाली रील्स:
कुछ वीडियो इतने आकर्षक होते हैं कि क्लिक किए बिना रहा नहीं जाता – जैसे “5000 रोज़ कमाने का तरीका”, “मोबाइल से करोड़पति बनो”, “बिना काम के इनकम”, आदि। लेकिन जैसे ही आप दिए गए लिंक पर क्लिक करते हैं, जाल शुरू हो जाता है।
लिंक के ज़रिए फर्जी वेबसाइट:
आप सोचते हैं कोई ऐप डाउनलोड होगा या गिफ्ट मिलेगा, पर वो वेबसाइट आपकी जानकारी चुरा लेती है।
मोबाइल की परमिशन:
कई बार किसी ऐप या लिंक के ज़रिए आपका कैमरा, गैलरी या कॉल लॉग तक एक्सेस लिया जा सकता है – और फिर उसका गलत इस्तेमाल होता है।
डाटा ट्रैकिंग:
बिना आपकी जानकारी के, फोन में कुछ स्क्रिप्ट या कोड डाल दिए जाते हैं जो आपकी एक्टिविटी ट्रैक करने लगते हैं।
कुछ ताजा घटनाएं जो सोचने पर मजबूर कर देंगी:
1. केस-इंस्टाग्राम स्कैम से छात्र के खाते से ₹89,000 की ठगी : एक छात्र ने इंस्टाग्राम पर “वर्क फ्रॉम होम जॉब” वाली रील देखी और लिंक पर क्लिक किया। उसके बाद एक टास्क बेस्ड पेमेंट स्कीम में फंसाकर ₹89,000 ठग लिए गए।
2. केस-महिला को ब्लैकमेल करने वाला इंस्टा स्कैम : महिला को एक इंस्टाग्राम अकाउंट से “फेस रीडिंग” के नाम पर लिंक भेजा गया, जिसने उसकी फोटो और निजी डाटा एक्सेस किया और फिर उसे ब्लैकमेल किया गया।
3. केस- इंस्टा लोन ऐप स्कैम: इंस्टा रील के ज़रिए एक व्यक्ति ने “₹10,000 इंस्टेंट लोन” के झांसे में ऐप डाउनलोड किया, ऐप ने कॉन्टैक्ट्स और गैलरी तक पहुँच लेकर बाद में धमकी दी और पैसे वसूले।
तेज़ी से बढ़ रहे हैं ऐसे मामले
भारत में साइबर अपराध के मामलों में हर साल तेज़ी से इज़ाफा देखने को मिल रहा है, खासकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से जुड़े अपराधों में। वर्ष 2021 में देशभर में कुल साइबर अपराध के मामलों की संख्या 50,000 से अधिक थी, जिनमें से लगभग 9,000 मामले सीधे तौर पर सोशल मीडिया से संबंधित थे। इसके बाद 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 65,000 से अधिक हो गया, जिसमें सोशल मीडिया से जुड़े केसों की संख्या 13,500 के पार पहुँच गई। 2023 में हालात और बिगड़े — कुल साइबर अपराध के केस बढ़कर 78,000 से ऊपर पहुँच गए, जबकि सोशल मीडिया से संबंधित अपराधों की संख्या करीब 18,000 तक जा पहुँची। 2024 में तो यह खतरा और भी विकराल रूप ले चुका है — अनुमानित आँकड़ों के अनुसार अब कुल साइबर अपराध के मामले 90,000 से अधिक हो चुके हैं, जिनमें 25,000 से ज़्यादा केवल सोशल मीडिया से जुड़े हुए हैं।
इन आंकड़ों से साफ है कि जैसे-जैसे लोग डिजिटल माध्यमों, खासकर इंस्टाग्राम, फेसबुक, यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय हो रहे हैं, वैसे-वैसे अपराधी भी इन माध्यमों को शिकार बनाने का ज़रिया बना रहे हैं।
कैसे बचें इस तरह की धोखाधड़ी से
- किसी भी अंजान लिंक पर क्लिक करने से पहले दो बार सोचें।
- Play Store या Apple Store से ही ऐप्स इंस्टॉल करें।
- सोशल मीडिया पर बैंक डिटेल या OTP जैसी चीज़ें कभी न डालें।
- 2-स्टेप वेरिफिकेशन ज़रूर चालू रखें।
- मोबाइल में एक भरोसेमंद सिक्योरिटी ऐप रखें।
- कोई रील या पोस्ट बहुत ज़्यादा “लालच भरा” लगे – तो समझ जाइए, कुछ तो गड़बड़ है।
अगर फँस गए हैं, तो क्या करें?
- तुरंत www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें
- नजदीकी साइबर थाना जाकर पूरी जानकारी दें।
- हेल्पलाइन नंबर: ☎️ 1930 (24×7 सेवा)
साइबर एक्सपर्ट की सलाह
रील्स अब केवल मज़े की चीज़ नहीं रही — यह एक बड़ा साइबर रिस्क बन चुका है। आम जनता को ज़रूरत है सतर्क रहने की और डिजिटल दुनिया में भी वैसी ही चौकसी रखने की जैसी असल दुनिया में रखते हैं।
“सोच-समझकर क्लिक करें – वरना कीमत आपकी निजता और पैसों से चुकानी पड़ सकती है।”
अगर आप डिजिटल स्कैम में फंस चुके है या आप मेरे से बात करना चाहते है तो व्हाट्सअप मेसेज करे –