आरबीआई( रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया )का अचानक नीतिगत दरों में बढ़ोतरी करने का फैसला बाजार के लिए काफी हैरानी भरा रहा ।
सेंसेक्स में लगातार तीसरे दिन गिरावट हुई NIFTI भी 391.50 अंक यानी 2.29% टूटकर 16677.7 अंक पर बंद हुआ बुधवार को बीएसई सेंसेक्स 1306.96 यानी 2.29 से गिरकर पिछले 2 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया।
जाने आरबीआई के ब्याज दर बढ़ाने का कारण
बढ़ती महंगाई के दौर में आरबीआई ने आम लोगों को एक और झटका दे दिया अब होम ऑटो पर्सनल लोन महंगे होंगे हाला की एफडी पर ज्यादा ब्याज मिलेगा। लगातार हो रही मॉनिटरिंग के अनुसार 2 और 3 मई को जो मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की आपात बैठक हुई थी उसमें आरबीआई ने रेपो रेट 0.4% बढ़ाकर 4.40% करने का फैसला किया है। तथा सीआरआर (कैश रिजर्व रेशों) जीरो दशमलव 0.50% बढ़ाकर 4.50% कर दिया है ।
आरबीआई ने बताया कि रेट में बढ़ोतरी महंगाई को काबू में लाने के लिए किया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रिटेल महंगाई दर लक्ष्य की ऊपरी सीमा 6% से ज्यादा बनी हुई है। अप्रैल में भी इसके ऊंचे रहने की संभावना है। रूस यूक्रेन युद्ध से महंगाई बढ़ रही है सप्लाई बाधित हो रही है ऐसे में महंगाई को काबू करने के लिए कठोर कदम उठाना जरूरी था।
इकनोमिक रिपोर्ट के मुताबिक इकोनॉमी को लेकर ग्लोबल लेवल पर और देश में जो परिस्थितियां है उसको देखते हुए ऐसा होना जरूरी था ऐसे में रेट में बढ़ोतरी का दौर शुरू हो गया है । इसके पूरे वर्ष जारी रहने की संभावना है। आरबीआई पूरे साल में रेपो रेट में 1 से 1. 50% तक बढ़ोतरी कर सकती है। मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की अगली बैठक 6 से 8 जून को होगी।
क्या होता है रेपो रेट
रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर आरबीआई बैंकों को कर्ज उपलब्ध कराती है। यानि आरबीआई से कर्ज लेने पर बैंकों को 4 फीसदी के बजाये अब 4.40 फीसदी ब्याज चुकाना होगा। यानि आरबीआई से कर्ज लेना अब बैंकों के लिए महंगा हो जाएगा। बैंकों को आरबीआई से कर्ज लेने पर ज्यादा ब्याज देना होगा।
CRR (कैश रिजर्व रेशियो)
आपको बता दें सीआरआर जो आरबीआई के पास बैंकों को रखना होता है उसपर आरबीआई बैंकों को ब्याज भी नहीं देती है। CRR में बढ़ोतरी 21 मई से लागू होगा।
दरअसल महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण बाजार में मौजूदा ज्यादा नगदी को माना जा रहा है।जो महंगाई बढ़ाने का काम कर रही है। यही वजह है कि बैंकों के पास मौजूदा ज्यादा नगदी को रोकने के लिए आरबीआई ने सीआरआर में 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने का फैसला किया है।
बैंकों को कुल जमा का 4.50 फीसदी रकम आरबीआई के पास सीआरआर के तौर पर जमा रखना होगा। यानि बैंकिंग सिस्टम में मौजूदा अतिरिक्त नगदी घट जाएगी। तो बैंक अब सोच समझकर कर्ज उपलब्ध करायेंगे।