गौतम बुद्ध की प्रेरक कहानी
Gautam Buddha Story: सब्र का महत्व
यह कहानी बहुत पुरानी है । उस समय महात्मा गौतम बुद्ध जी पूरे भारतवर्ष में घूम-घूम कर बौद्ध धर्म की शिक्षाओं का प्रसार कर रहे थे।
Gautam Buddha Stories : By Tejasvi Dwivedi |
धर्म प्रचार के सिलसिले में वे अपने कुछ अनुयायियों के साथ एक गांव में घूम रहे थे। काफी देर तक भ्रमण करते रहने से उन्हें बहुत प्यास लग गई थी। प्यास बढ़ता देख , उन्होंने एक शिष्य को पास के गांव में पानी लेने के लिए भेजा , शिष्य जब गांव में पहुंचा तो उसने देखा कि वहां एक नदी बह रही थी जिसमें काफी लोग अपने वस्त्र साफ़ कर रहे थे और कुछ लोग तो अपनी गाय और भैंस को नहला रहे थे इसलिए नदी का पानी काफी गंदा हो गया था ।
शिष्य को नदी के पानी का ये हाल देखकर उसे लगा कि गुरुजी के लिए ये पानी ले जाना उचित नहीं है । इस तरह वह बिना पानी के ही वापस आ गया । लेकिन इधर गुरुजी का तो प्यास से गला सूखा जा रहा था । इसलिए पुनः उन्होंने दूसरे शिष्य को पानी लाने के लिए भेजा । बार वह शिष्य उनके लिए एक मटका भर कर पानी ले आया । यह देख महात्मा बुद्ध आश्चर्यचकित हो गये उन्होंने ने शिष्य से पूछा ” नदी का पानी तो गंदा था फिर ये पानी कहां से लाए ?
शिष्य बोला “हाँ गुरुजी, नदी का पानी तो गंदा था परंतु जब सभी लोग अपना-अपना कार्य करके चले गए , तब मैंने कुछ देर वहां ठहर कर पानी में मिली मिट्टी के नदी के तल में बैठने का इंतजार किया। जब मिट्टी नीचे बैठ गई तब मैं आप के लिए साफ पानी ले आया ।
महात्मा बुद्ध शिष्य का यह उत्तर सुनकर खुश हो गये तथा अन्य शिष्यों को ये शिक्षा दी , हमारा जीवन भी नदी के जल जैसा होता है। जीवन में अच्छे कर्म करते रहने से यह हमेशा शुद्ध बना रहता है परन्तु अनेकों बार जीवन में ऐसे भी क्षण आते हैं जब हमारा जीवन दुख और समस्याओं से घिर जाता है। ऐसी अवस्था में जीवन समान यह पानी भी गंदा लगने लगता है ।
शिक्षा – इसलिए जीवन मे जब भी कभी भी समस्याएं आये तो घबराना नही चाहिए,साहस बनाये रखते हुए ,धैर्य रखना चाहिए , समस्याएं धीरे – धीरे स्वत: ही समाप्त हो जाती है।
If you like Gautam Buddha Motivational Stories in Hindi then please comment to your express view.