लखनऊ: एक बार फिर से उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है, एवं इस बार उपमुख्यमंत्री पद पर केशव प्रसाद मौर्य के साथ-साथ ब्राह्मणों में अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले ब्रजेश पाठक ने भी शपथ ली है। और दिनेश शर्मा को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। ब्रजेश पाठक के राजनीतिक जीवन की शुरुवात छात्र जीवन से ही शुरू हो गई थी एवं शुक्रवार को उन्होंने देश के सबसे बड़े राज्य में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, आपको बताते चले कि पाठक लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके है एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पिछली सरकार में कानून मंत्री भी रहे है।
कानून की पढ़ाई के साथ-साथ लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष तक पहुंचे
सूबे के उपमुख्यमंत्री पद पर शपथ लेने वाले बृजेश पाठक का जन्म हरदोई जिले के मल्लावां में 25 जून 1954 को हुआ था. उन्होंने अपनी विधि स्नातक (एलएलबी) की उपाधि लखनऊ विश्वविद्यालय से प्राप्त की है, एवं वह लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रसंघ की राजनीति में सक्रिय रहे और 1989 में छात्र संघ उपाध्यक्ष चुने गये. इसके बाद 1990 में वह छात्रसंघ का अध्यक्ष चुने गये थे.
सियासत में माहिर “ब्रजेश पाठक”
ब्रजेश पाठक उत्तर प्रदेश में भाजपा के कद्दावर नेताओ में गिने जाते है, वह राज्यसभा एवं लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं. योगी 1.0 सरकार में वह कानून मंत्री रह चुके हैं. और इस साल यूपी चुनाव में वह लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं।
ब्रजेश पाठक का राजनीतिक पथ
- साल 2002 में पहली बार ब्रजेश पाठक ने मल्लावां विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन बहुत ही कम वोटों से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
- 2004 में बसपा की टिकट पर एक बार लोकसभा सांसद रहे।
- 2009 में बसपा की सीट से ब्रजेश पाठक राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं।
- 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ब्रजेश पाठक बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए।
- 2017 में भाजपा की टिकट पर विधानसभा पहुंचे।
- योगी 1.0 की भाजपा सरकार में उन्हें कानून मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई
- 2022 के योगी 2.0 की सरकार में उन्हें उपमुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।