क्या आपको याद है की आप ने अपने बच्चों के साथ कब खेला था ? , जी हाँ हम बात कर रहें है उन माता -पिता की जो अपने कामों में इस तरह से व्यस्त है जिनको शायद ही याद हो की वे अपने बच्चों के साथ कब खेले थे.
देखिये काम जरूरी है लेकिन साथ में ये भी जरूरी है की आप अपने उस बीजी शड्यूल से अपने बच्चों के लिए समय जरूर निकाले क्यों की बचपन ही वह समय है जब एक बच्चे को सबसे ज्यादा जरूरी अपने माता पिता होते है .
उस समय तो वे ये भी नही जानते की पैसा क्या है?उन्हें बस अपने माता-पिता और खाने खेलने की वस्तुए चाहिए लेकिन यदि उन्हें वे भी न दी जाये और आप उनके साथ तोडा खेल ले या फिर कुछ हसाने आदि का काम भी करे न तो वे कुछ पल के लिए वे अपनी जरूरत की वस्तुए भी भूल जाते है। और जब बच्चे बड़े हो जाते है तो वे अपने दोस्तों को साथियों खुद ही ढूंढ लेते है।
तो क्यों न माता पिता ही उनके पहले दोस्त बने,आज हम आपको बताएंगे की कैसे आप अपने बच्चों के साथ अपना सामंजस्य बनाये और उन्हें दें एक प्यार की थपकी और रखें बच्चों का ध्यान—
1.समझे अपने बच्चों को – कहते है बच्चों का भी अपना एक आत्मसम्मान होता है इसी लिए उन्हें सबके सामने मत डाटें की तुमने ये काम कैसे किया और तुम ऐसे वो वैसे हो आदि कहने से बचे जब बच्चा अकेला हो तब आप शांतिपूर्वक उससे बात करे और उसको समझने का प्रयास करें की उसने ऐसा क्यों किया।
2. बच्चों का मनोबल बढ़ाये – आप तो जानते ही होंगे जी जब तक बच्चा कोई गलती नही करता तब तक वह कुछ नही सीख पाता है ऐसे में बच्चे यदि कुछ भी नया करे तो उसे बिलकुल नही डाटें की तुमसे नही हो पायेगा बल्कि ये कहिये की दुबारा कोशिश करो बहुत अच्छा होगा यह कहकर बच्चे का मनोबल बढ़ाये।
3. बच्चों के साथ फ्रेंडली – माता पिता का यह उत्तरदायित्व है की वे अपने बच्चों के साथ फ्रेंडली बिहेवियर करे क्योंके ऐसे में बच्चा आपको अपने दिल की बातों को बता पायेगा।
4.अनुशासन् हो सीमित –आप तो जानते ही होंगे की अधिकता किसी भी चीज की हो वह हमेशा नुकसानदायक ही होती है इसी लिए बच्चों को अनुशासन में रखे पर उतना ही जितना वे सह सके और आपकी बातों को मान सके। अत्यधिक अनुशासन बच्चे को कुंठाग्रस्त बना देता है।
5. ज्यादा रोक टोक न करे – आपको पहले ही यह जानना होगा की आपने बच्चों को कब डाँटना है कब टोकना है लेकिन यदि आप अपने बच्चे को अपना साथ देते है तो आपके और आपके बच्चे के बीच प्यार और विश्वास भरा रिश्ता भी कायम रह पायेगा और यह आपके बच्चे के लिए बहुत अच्छा होगा।
6. बच्चे को हमेशा दे एक नई सीख- बच्चों को समय-समय पर अच्छी-अच्छी बातें भी बताये और उन्हें अपने प्रॉब्लम से बाहर आने के लिए खुद ही सल्यूशन खोजने के लिए प्रेरित करें। इससे वह आप पर विश्वास कर सकेगा।