मित्रो आज हम आपको एक ऐसे मंच के बारे में बताने वाले है , जो महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करने में मदद करता है। इस मंच का नाम है सोशल सहेली।
यह एक ऐसा मंच है जो महिलाओं को प्रशिक्षित करता है। यह मंच स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को मोबाइल स्टोरीटेलिंग और डिजिटल कौशल देता है। ताकि वे वित्तीय स्वतंत्रता हासिल कर सकें। अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके ये उद्यमी महिलाएं अपने व्यवसाय को सोशल मीडिया पर सही ग्राहक और सही मार्किट तक पहुंचा रही हैं।
इसी प्रक्रिया से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के समय पर, सोशल सहेली डॉट कॉम ने पचास से अधिक महिलाओं को वाराणसी में प्रशिक्षित किया और कई सारे स्वयं सहायता समूह के अध्यक्षों के साथ बातचीत की जो अपने प्रोडक्ट्स शहर में चल रहे सरस मेले में बेच रहे है।
इस वर्ष महिला दिवस की थीम महिलाओं के नेतृत्व पे केंद्रित है! यह महिला उद्यमी अपनी कहानियों और व्यवसायों को ऑनलाइन बताने के लिए अपने मोबाइल का उपयोग कर रही है।
सोशल सहेली डॉट कॉम पर कहानियां केवल तीन महीनो में 3.5 मिलियन से अधिक लोगों तक पहुंच गई है।
इसमें मसाला पैकिंग करती महिलाओं से लेकर आटा चक्की चला रही महिलाओं तक, साड़ी बनाती महिलाओं से मास्क बनती महिलाओं तक, अनेक प्रकार की कुशल महिलाएं शामिल हैं।
स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को सक्षम बनाने के लिए यूपी सरकार के प्रयासों से अधिक प्रेरित किया है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) के तहत 97,600 से अधिक SHG को 445 करोड़ रुपये से अधिक जारी किये गए है! राज्य ने आत्मनिर्भरता में तेजी देखी है!
सोशल सहेली महिलाओं को उनके स्थानीय स्तर पर बनाए गए उत्पादों में मदद करके इस प्रवृत्ति का समर्थन कर रहा है। डिजिटल माध्यम का उपयोग करके अब ये महिलाएं पहली बार पूरी दुनिया के साथ बेझिजक अपनी कहानियां बाँट रहीं हैं।
सहेलियों में ऐसी ही भारत की कई ग्रामीण महिलाएं शामिल हैं जो धीरज, दृढ़ता, और एक सफल व्यवसाय चलाने के दृढ़ संकल्प होने के साथ उद्यमी बनने की राह पे निकल पड़ी है।
अपनी कहानियों से वित्तीय स्वतंत्रता की ओर बढ़ रहें हैं , वाराणसी के ग्रामीण उद्यमी
By Editorial StuffUpdated:
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