यूपी : अनुपूरक बजट सदन में पारित , कई वर्गों को मिली है सौगात, जाने किसे क्या हुआ है फायदा : विधानमंडल के दोनों सदनों की बैठकें 17 अगस्त से शुरू होकर 24 अगस्त तक होनी थी, लेकिन बृहस्पतिवार को विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित द्वारा इसे अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया और सदन में तीन दिनों तक कार्य हुआ। आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बुधवार को विधानसभा में 7301.52 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया था ।
अनुपूरक बजट के महत्वपूर्ण बिंदु
वित्तीय वर्ष 2021-22 के पहले अनुपूरक अनुदान (बजट) के माध्यम से प्रदेश सरकार समाज के कई वर्गों को तोहफे दे सकती है। मानदेय पर काम कर रहे कार्मिकों का मानदेय बढ़ाने के साथ ही स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं के लिए अतिरिक्त बजट आवंटन किया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि राज्य में मनरेगा के तहत कार्यरत करीब 38 हजार कार्मिकों के मानदेय वृद्धि का प्रस्ताव विभाग ने सरकार को दिया है।
अनुपूरक बजट पेश करने की तिथि तय होने के साथ ही शनिवार को अवकाश के दिन भी सचिवालय में वित्त विभाग के बजट से जुड़े कर्मचारियों को काम पर बुला लिया गया था। वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सरकार के पास आए प्रस्तावों पर खर्च होने वाले बजट का गुणा गणित करने में जुटे हुए थे। अन्य कर्मचारी सदन में प्रस्तुत किए जाने वाले अन्य विवरण तैयार कर रहे थे।
कोरोना प्रबंधन में खर्च स्वच्छ भारत मिशन के धनराशि की भरपाई होगी
पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना से हुई मौतों में दाह संस्कार तथा अन्य खर्च जो स्वच्छ भारत मिशन के बजट से किए गए थे उसकी भरपाई भी अनुपूरक के माध्यम से राज्य सरकार करेगी। वहीं लोक निर्माण विभाग ने भी अनुपूरक के माध्यम से राज्य में सड़क निर्माण की योजनाओं को गति देने का प्रस्ताव तैयार किया है। बताया जाता है कि विभाग ने यह प्रस्ताव उप मुख्यमंत्री के पास स्वीकृति के लिए भेजा है, उनकी स्वीकृति मिलने पर प्रस्ताव अनुपूरक में शामिल करने के लिए भेजा जाएगा।
इसके अलावा प्रदेश सरकार कोरोना से प्रभावित परिवारों, निराश्रित बच्चों व महिलाओं की मदद के लिए अनुपूरक के माध्यम से धनराशि दे सकती है। राज्य में चल रहे एक्सप्रेस-वे, डिफेंस कारीडोर आदि प्रमुख योजनाओं के लिए भी अनुपूरक के माध्यम से धनराशि दे सकती है।
मनरेगा के तहत मिलने वाले छह फीसदी प्रशासनिक मद से मानदेय वृद्धि का काम किया जा सकेगा। यह भी बताया जा रहा है कि इसी प्रकार अन्य विभागों में मानदेय पर तैनात कार्मिकों के मानदेय वृद्धि पर भी विचार किया जा सकता है।
समूहों के स्वरोजगार कार्यक्रम के लिए 600 करोड़ की मांग
इसी प्रकार उ.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएल) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में समूहों की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के कार्यक्रमों के लिए 600 करोड़ रुपये की मांग की गई है। बताया जाता है कि इस मद में 1500 करोड़ रुपये आवंटित था जिसमें से अधिकांश खर्च हो चुका है। 600 करोड़ रुपये और मिल जाने पर ग्रामीण स्वरोजगार के अभियान को गति दी जाएगी। ट्राइबल योजनाओं के लिए भी अतिरिक्त बजट की मांग की गई है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 7301.52 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। विधानसभा में पेश किया गया अनुपूरक बजट आम बजट का 1.33 प्रतिशत है। रोजगार के मोर्चे पर विपक्ष के हमले झेल रही सरकार ने आलोचकों का मुंह बंद करने और युवाओं को साधने के लिए उन्हें डिजिटल तकनीक में सक्षम बनाने का इरादा जताया है। इसके लिए अनुपूरक बजट में 3000 करोड़ रुपये का कोष स्थापित करने का ऐलान किया गया है।
दूर करेंगे अन्नदाताओं की शिकायत
छुट्टा गोवंश की समस्या किसानों की नाराजगी का सबब बनी हुई है। सरकार को मालूम है कि अगले साल जब सूबे में विधानसभा चुनाव हो रहे होंगे तो खेतों में गेहूं की फसल खड़ी होगी। छुट्टा गोवंश की समस्या से निजात दिलाने के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान को लेकर किसानों के गुस्से को ठंडा करने का भी इंतजाम किया गया है। उप्र सहकारी चीनी संघ की मिलों के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
अधिवक्ताओं की सुध ली
चुनावी वर्ष में सरकार ने अधिवक्ताओं को सामाजिक सुरक्षा देने की फिक्र की है। सामाजिक सुरक्षा निधि योजना के तहत 30 वर्ष की सदस्यता पूरी करने वाले अधिवक्ताओं को पांच लाख रुपये की रकम देने के लिए 90 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है।
अनुसूचित जातियों को साधने का मकसद
अनुसूचित जातियों को साधने के मकसद से सरकार ने राजधानी लखनऊ में डा.भीमराव आंबेडकर स्मारक व सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
अयोध्या-काशी के लिए खोला खजाना
श्री राम मंदिर निर्माण के मद्देनजर ‘नई अयोध्या’ की परिकल्पना को साकार करने के लिए पांच स्थानों पर जनसुविधाओं और पार्किंग स्थल के विकास की खातिर 209.69 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। वहीं वाराणसी में गंगा नदी से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक के मार्ग को चौड़ा करने व उसकी मरम्मत के लिए और 40 करोड़ रुपये का इंतजाम किया गया है।
एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं को रफ्तार
चुनाव को देखते हुए सरकार छह महीने में अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कमर कसे है। अनुपूरक बजट में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए और 100 करोड़ तथा बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
बिजली कंपनियों के घाटे की भरपाई को 1500 करोड़
उदय योजना के तहत विद्युत वितरण कंपनियों के घाटे की भरपाई के लिए 1500 करोड़ रुपये का इंतजाम किया गया है।
अनुपूरक बजट में यह भी है ख़ास
- प्रदेश में मेडिकल डिवाइस पार्क प्रोत्साहन योजना के लिए एक लाख रुपये की टोकन व्यवस्था।
- टोक्यो ओलंपिक के विजेता भारतीय खिलाडिय़ों के सम्मान समारोह के लिए दो करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था।
- स्वच्छ भारत मिशन के लिए 200 करोड़ रुपये।
- उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के बहुद्देशीय भवन के निर्माण के लिए 9.7 करोड़ रुपये।
- संस्कृत पंडितों को पुरस्कार देने के उद्देश्य से उप्र संस्कृत संस्थान को अनुदान देने के लिए 30 लाख रुपये।
- निर्वाचन संगठन के अधिष्ठान व्यय के लिए 297 करोड़ रुपये।
- ईवीएम/वीवी पैट मशीनों को रखने के लिए गोदाम निर्माण के लिए तीन करोड़ रुपये।
- उत्तर प्रदेश राज्य विधि विश्वविद्यालय, प्रयागराज की स्थापना के लिए 5.01 करोड़ रुपये।
- विधान परिषद सचिवालय में ई-विधान व्यवस्था के लिए 8.23 करोड़ रुपये और ई-आफिस के लिए 44.91 लाख रुपये।