सार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंगा- जमुना स्वच्छता को लेकर बड़े अभियान जारी किए हैं। इसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेले के दौरान कानपुर ,प्रयागराज के बीच गंगा प्रवाह व जल की गुणवत्ता के नियमित जांच करने का भी निर्देश दिया है। इसके अलावा प्रयागराज की पूरी सीवर लाइन को भी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ने को कहा ।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि अगली महाकुंभ से पहले ऐसी महत्वपूर्ण कार्य योजना का निर्माण किया जाए जिससे मेला क्षेत्र व शहर की गंदगी सीधे गंगा – जमुना नदी में न जाए, क्योंकि यदि यह नदियां प्रदूषित हुई तो जीवन संकट में आ जाएगा। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि गंगा हमारे भारत की सबसे पवित्र नदी मानी जाती है परंतु दिन प्रतिदिन बढ़ते प्रदूषण के कारण गंगा और यमुना जैसी पवित्र और स्वच्छ नदियां भी आज प्रदूषित हो रही हैं। उनका जीवन संकट में आ रहा है इसलिए इसे स्वच्छ बनाए रखने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा और इसको प्रदूषित होने से बचाना होगा।
कोर्ट के निर्देश देने पर पहुंचे महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार आगामी महाकुंभ को देखते हुए मेघा योजना तैयार करने पर विचार कर रही है वह शीघ्र अधिवक्ताओं व अधिकारियों के साथ बैठकर इस दिशा में चर्चा और विचार करेंगे।
हाईकोर्ट के निर्देश
- सभी सीवर लाइन को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ दिया जाए
- पॉलिथीन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध की निगरानी की जाए, पॉलिथीन के प्रयोग पर रोक लगाई जाए
- नदी, नालो व मेले की गंदगी को नदियों में प्रवाहित करने व प्रवाहित होने से रोका जाए।
- स्वच्छता पर अधिकाधिक ध्यान दिया जाए और इसके लिए विशेष योजनाएं बनाई जाए।
- बायो रिमेडियल सिस्टम पर ध्यान दिया जाए
- महाकुंभ शुरू होने से पहले प्रयागराज में स्वच्छता से संबंधित सभी योजनाएं बनाई जाएं एवं प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जाए
- गंगा यमुना नदियों की स्वच्छता के लिए परियोजनाएं चलाई जाए
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई फटकार..
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नालों के शोधन की प्रक्रिया का पालन ना करने पर फटकार लगाई ,क्योंकि कोर्ट ने बायोरेमेडिकल सिस्टम से नाले के शोधन के निर्देश दिए थे परंतु इसका पालन पूर्ण रूप से नहीं हो रहा है ।कोर्ट ने कहा कि 16 साल से इस याचिका की सुनवाई हो रही है कि सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च किए किंतु गंगा प्रदूषण पर कोई फर्क नहीं दिख रहा है। इस पर ध्यान दिया जाए