महात्मा गांधी की हत्या 30 जनवरी 1948 को हुई थी। उन्हें नाथूराम गोडसे नामक एक आतंकवादी द्वारा नजरबंद किया गया था। गोडसे का मुख्य उद्देश्य था गांधी जी के विचारों के खिलाफ उनकी हत्या करना। उन्होंने गांधी जी के समर्थन में उनके अहिंसा और एकता के सिद्धांतों का विरोध किया था।
30 जनवरी 2024 को महात्मा गांधी की 76वीं पुण्यतिथि मनाई गयी हैं।यह दिन शहीद दिवस का भी प्रतीक है। यह उन सभी शहीदों को याद करने और सम्मान देने का दिन है जिन्होंने अपने देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया।
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने गांधी की तुलना एक शाश्वत प्रकाशस्तंभ से की और भविष्यवाणी की कि एक हजार साल बाद, ”वह रोशनी दिखाई देगी… दुनिया इसे देखेगी और यह असंख्य दिलों को सांत्वना देगी।”
महात्मा गांधी की जेल यात्रा
मोहनदास करमचंद गांधी जिन्हें बापू के नाम से भी जाना जाता है। उन्हें पहली बार अंग्रेजी हुकूमत ने 10 अप्रैल, 1919 को पहली बार गिरफ्तार किया था। हालांकि, यह कोई पहली दफा नहीं था जब गांधी जी ने जेल की यात्रा की हो। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका में उनकी छह बार गिरफ्तारी हो चुकी थी।
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री महात्मा गांधी को अर्पित कि श्रद्धांजलि…
शहीद दिवस पर भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेनाओं के प्रमुख राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। सभी गणमान्य व्यक्ति भी गांधीजी को श्रद्धांजलि देते हैं और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उनके बहादुर योगदान को याद करते हैं।
बापू के आखिरी शब्द थे हे राम…
जब बापू को गोली मारी गई थी तब उनके मुंह से निकले आखिर शब्द ‘हे राम’ थे। गोडसे भारत के विभाजन पर गांधी के विचारों से सहमत नहीं था।