एक बार की बात है महात्मा गौतम बुद्ध लोगों से बातचीत कर रहे थे और उन्हें उपदेश दे रहे थे तभी एक महिला अपने छोटे से पुत्र को पीटते हुए वहां आती है और महात्मा बुद्ध से कहती है कि उनका पुत्र सवाल बहुत पूछता है।
वे कहती है कि अक्सर उनका बेटा सवाल पूछते हुए कभी वहां तक पहुंच जाता है जहाँ तक न उसका दिमाक काम करता है न गांव के किसी अन्य व्यक्ति का। इस बात को सुनकर उस जगह बैठे सभी लोग उस महिला के हाँ में हाँ मिलाने लगे। उसमे से एक स्त्री बोली कि जब मै कुएं से पानी लेने जाती हु तब भी यह इतने सवाल करता है कि मन झुल्ला जाता है।
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गांव वाले लोगो ने बुद्ध जी से उस लड़के को सद्बुद्धि देने कि प्रार्थना की। यह सुनकर बुद्ध जी गंभीर हो गए। वे बोले क्या और कोई है इस गांव में जो इतने अधिक प्रश्न पूछता है?
गांव वाले बोले नहीं महाराज। बाकि कोई कुछ नहीं पूछता है क्यूंकि सबको पता है कि विधाता ने सबकी नियत पहले से ही तय कर रखी है तो फिर सवाल पूछने का क्य मतलब।
महिला बोली -“क्या सवाल पूछने से नियत बदल जायेगी?
यह सुनकर बुद्ध मुस्कुराए,उन्होंने पूछा -” क्या नियत बदल सकती है? ” सभी ने कहा- नहीं।
बुद्ध ने कहा -” लेकिन नियत तो बदलती रहती है … आज धूप है कल बारिश होगी।बारिश के मौसम में सूखा पड़ जाये और हो सकता है अगली बारिश में बाढ़ आ जाए। अगर नियत से निपटने के लिए तैयारी रखनी है तो मन में निपटने वाले सवाल भी होने चाहिए।
मेरी बात ध्यान से सुनो ज्ञान यूं ही नहीं मिलता है ज्ञान तब मिलता है जब मन में जिज्ञासा होती है क्योंकि जब तक प्रश्न ही नहीं होंगे तो तब तक उसका उत्तर कैसे ढूंढा जा सकता है। यदि जिज्ञासा ही नहीं होंगी तो प्रश्न कैसे बनेंगे और जब प्रश्न नहीं होंगे तो ज्ञान कहां से आएगा…
उदाहरण देते हुए बुद्ध जी ने समझाया कि जब तक आपके मन में यह नहीं होगा कि आज मुझे चार पैसे कमाने हैं तब तक आपके मन में यह प्रश्न कैसे आ सकता है कि यह पैसे मुझे किस प्रकार से और कैसे कमाने हैं?
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किसी भी उत्तर तक जाने के लिए उसकी प्रश्नों का होना अति आवश्यक है।जो जीवन में हमें आगे की राह दिखाते हैं एवं हमारा मार्गदर्शन करते हैं। वास्तव में यह बच्चा गांव में का सबसे अलग बच्चा है क्योंकि यह सबसे अधिक प्रश्न पूछता है
इसके अंदर आगे बढ़ने के लिए एक दृढ़ इच्छाशक्ति है और वह ज्ञान प्राप्त करना चाहता है। जीवन में हम सभी को आगे बढ़ने के लिए जिज्ञासु होना चाहिए यही ऐसी चीज है जो हमें जीवन में आगे बढ़ाकर ज्ञान प्राप्ति करने में हमारी मदद कर सकती हैं।
यह बात सुनकर गांव वालों ने बुद्ध जी से क्षमा याचना की और कहा भगवन आप सही कह रहे हैं जीवन में आगे बढ़ने के लिए ज्ञान प्राप्त करने के लिए जिज्ञासा का होना अति आवश्यक है। बिना जिज्ञासा और उत्सुकता के व्यक्ति आगे नहीं बढ़ सकता।
शिक्षा…
इस पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है कि जीवन में व्यक्ति को जिज्ञासु जरूर होना चाहिए क्योंकि बिना प्रश्न के उत्तर संभव नहीं है।उत्तर उसी को मिलता है जिसका कोई प्रश्न होता है।
सुबह घर से निकलना दिन भर काम करना और लौटकर शाम को घर आकर खा पी के सो जाना। मन में ना कोई जिज्ञासा होना ना आगे बढ़ने की कोई इच्छा या अन्य योजना होना हमारे सपनों का मर जाने के समान है। जिनकी आंखों में कोई लक्ष्य होता है कोई सपने होते है,उनकी जुबान पर सवाल होते हैं। सवाल जो उनके सपनों से जुड़े होते हैं, सवाल जिनके जवाब से व्यक्ति के सपने पूरे होते हैं। अपने सपनों को पूरा करने वाले उतनी ही शिद्दत से अपने पास सवाल भी रखते हैं। सवाल सपनों को पूरा करने वाली पहले सीढ़ी होते हैं। जैसे जैसे हमें जवाब मिलता जाता है हम सीढ़ी चढ़ते जाते हैं और 1 दिन अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं।