भारतीय संघ लोक सेवा आयोग भारत के संविधान द्वारा स्थापित एक संवैधानिक निकाय है जो भारत सरकार के लोकसेवा के पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए परीक्षाओं का संचालन करता है। संविधान के भाग-14 के अंतर्गत अनुच्छेद 315-323 में एक संघीय लोक सेवा आयोग और राज्यों के लिए राज्य लोक सेवा आयोग के गठन का प्रावधान है।

यूपीएससी के नए चेयरमैन
मनोज सोनी को संघ लोक सेवा आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया। ये बेहद गरीब परिवार से हैं, जिन्होंने बचपन में ही अपने पिता को खो दिया था। पिता भी फुटपाथ पर कपड़े बेचकर परिवार पालते थे। मनोज सोनी 12वीं में फेल भी हुए थे। हालांकि इस मुकाम पर पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत भी की।
बचपन में पांचवी कक्षा में अगरबत्ती बेचने से लेकर सबसे कम उम्र में विश्वविद्यालय के कुलपति और फिर यूपीएससी के चेयरमैन बनने की यह उनकी कहानी काफी प्रेरणादायक रही।
आज हम आपसे बात करेंगे मनोज सोनी की जीवन से संबंधित कुछ संघर्षों के बारे में कि कौन है मनोज सोनी ,कैसे बने हुए यूपीएससी के चेयरमैन
कठिन संघर्षों में बीता जीवन
संघ लोक सेवा आयोग के नए अध्यक्ष बने मनोज सोनी का जन्म 17 फरवरी 1965 को मुंबई में हुआ था उनके पिता फुटपाथ बाजार में कपड़े बेचा करते थे जब मनोज कक्षा 5 में थे तभी उनके पिताजी की मृत्यु हो गई थी उसके बाद भी अपनी माता जी के साथ गुजरात चले गए वहां उन्होंने परिवार के पालन पोषण के लिए अगरबत्ती बेचना शुरू कर दिया और वही रह कर इन्होंने कक्षा 12 की साइंस परीक्षा दी। हम आपको बता दें कि कक्षा 12 की साइंस परीक्षा में असफल रहे इसके बाद इन्होंने हार ना मानते हुए राजरत्न पीटी कॉलेज में आर्ट विषय को चुनते हुए दोबारा 12वीं की परीक्षा दी और सफलता प्राप्त की।
जाने किन विषयों में है मनोज सोनी को रुचि
मनोज सोनी को अंतरराष्ट्रीय संबंधों के अलावा राजनीति विज्ञान में विशेष रूचि है । जिन्होंने साल 1995 में डॉक्टर की पढ़ाई पूरी की और फिर पोस्ट कोल्ड वार इंटरनेशनल सिस्टमैटिक ट्रांजैक्शन एंड इंडो यूएस रिलेशंस पर सर्च किया इसके अलावा इन्होंने अंडरस्टैंडिंग तथा ग्लोबल पॉलिटिकल अर्थक्वेक नामक एक किताब भी लिखी।
विश्वविद्यालयों के कुलपति भी रहे हैं मनोज सोनी
मनुष्य की पिता मुंबई में एक मिशन से जुड़े हुए थे उनके देहांत के बाद मनोज भी इस मिशन से जुड़ गए यहां उन्हें पढ़ाई लिखाई में काफी सहायता मिली अपनी पढ़ाई पूरी करने के पश्चात उन्होंने एसपी विश्वविद्यालय में पढ़ाना शुरू कर दिया इसके पश्चात 1991 से 2016 तक उन्होंने सरदार पटेल यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल रिलेशंस विषय भी पढ़ाया उन्होंने साल 2005 से 2008 तक एमएसयू वडोदरा में और फिर 2009 से 2015 तक बाबा भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में कुलपति का कार्यभार भी संभाला।
यूपीएससी में दो बार फेल हुए
जनवरी 2020 में मनोज सोनी ने निष्काम कर्म योगी यानी निस्वार्थ कार्यकर्ता के रूप में दीक्षा ली पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने एसपी यूनिवर्सिटी में पढ़ाया । उसके यूपीएससी के नए चेयरमैन बने बनो सोनी ने खुद भी दो बार यूपीएससी परीक्षा दी पहली कोशिश में भी असफल रहे परंतु उन्होंने हार ना मानते हुए दूसरी बार फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी और परीक्षा पास भी कर ली और इंटरव्यू तक पहुंचे लेकिन इंटरव्यू में पुनः एक बार असफल हुए
कार्य करने का 25 साल का है इनका अनुभव
मनोज सोनी जब कुलपति थी तब अब ब्रह्म निर्जन नाम की एक पत्रिका का संपादन भी करते थे यह अनुपम मिशन के प्रचारक थे और अच्छे पुरुषोत्तम उपासना में कथावाचक थे यूपीएससी की वेबसाइट के मुताबिक सोनी 25 सालों का अनुभव रखते हैं स्वामीनारायण संप्रदाय से जुड़े हैं उसे सोखड़ा स्वामीनारायण संप्रदाय कहा जाता है उनकी पत्नी कॉलेज में प्रोफेसर हैं उनका बेटा अभी कॉलेज में पढ़ाई कर रहा है।