1.प्राचीन और आधुनिक का संगम: अयोध्या में बन रहा राम मंदिर भारत की प्राचीन नागर शैली के साथ ही आधुनिक तकनीकों का बेहतरीन उदाहरण है। इसकी भव्यता देखते ही बनती है।
2.विशालता का प्रतीक: मंदिर का कुल क्षेत्रफल लगभग 57,400 वर्ग फीट है और इसकी लंबाई 360 फीट, चौड़ाई 235 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। ये विशाल आकार दर्शाता है कि भगवान राम कितने महत्वपूर्ण और प्रिय हैं।
3.पांच शिखर और पांच मंडप: मंदिर में पांच पवित्र शिखर और पांच मंडप हैं, जो अलग-अलग देवताओं को समर्पित हैं। ये 5 मंडप क्रमशः गर्भगृह, अंतराळ, रंग मंडप, सभा मंडप और नृत्य मंडप हैं।
4.स्तंभों की कहानी: मंदिर में कुल 366 खंभे हैं, जिन पर देवी-देवताओं की सुंदर मूर्तियां बनी हैं। ये मूर्तियां शिव के अवतार, विष्णु के दशावतार, 64 योगिनियों और देवी सरस्वती के 12 अवतारों को दर्शाती हैं।
5.देशभर का आशीर्वाद: मंदिर के निर्माण में देशभर के मंदिरों, गुरुद्वारों और जैन मंदिरों से मिट्टी लाकर मिलाई गई है। ये एकता और आस्था का प्रतीक है।
6.राम लला की मूर्ति: मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम और सीता की प्राचीन मूर्ति को स्थापित किया जाएगा। इसे ‘राम लला’ के नाम से जाना जाता है।
7.आध्यात्मिक केंद्र: मंदिर सिर्फ एक तीर्थ स्थान ही नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक केंद्र होगा। यहां प्रार्थना करने के अलावा धर्मग्रंथों के अध्ययन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।
8.पर्यटन को बढ़ावा: मंदिर के बनने से अयोध्या में पर्यटन को बहुत बढ़ावा मिलेगा। यहां आने वाले लोग न सिर्फ मंदिर के दर्शन करेंगे, बल्कि आसपास के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को भी देख सकेंगे।
9.समाजिक सद्भावना का संदेश: अयोध्या मंदिर मामले का सुलह होने से सामाजिक सद्भावना का संदेश भी फैला है। ये घटना दर्शाती है कि बातचीत और समझौते से हर मुद्दे का हल संभव है।
10.प्रेम और आस्था का प्रतीक: आखिर में, राम मंदिर सिर्फ ईंटों-गिट्टी का ढांचा नहीं, बल्कि लाखों-करोड़ों हिंदुओं की आस्था और भगवान राम के प्रति उनके अथाह प्रेम का प्रतीक है।