आम मात्र नाम ही नहीं है बल्कि यह वास्तव में आम है क्योंकि इसका प्रयोग हर साधारण व्यक्ति भी आसानी से कर सकता है। फलों में सबसे खास है जिसे फलों का राजा कहा जाता है। आम के दीवानों में क्या अमीर, क्या गरीब, क्या शायर, क्या पीएम और क्या सीएम।
परंतु आज हम आपको आम के बारे में एक ऐसी बात बताने वाले हैं जो शायद आपको नहीं पता होगी।आज हम आपको बताएंगे कि आम कृत्रिम तरीके से कैसे बनाया जाता है।
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आम पकाने के कृत्रिम तरीके :-
कच्चे आम को सीधे किसानों से खरीद कर ट्रकों में मंडी में पहुंचाया जाता है वहां से रिटेलर कच्चे आम की पेटियां खरीदकर बाजार की मांग के हिसाब से आम को पका कर बेचता रहता है।
कैल्शियम कार्बाइड
कैल्शियम कार्बाइड श्याम पकाना काफी आसान सस्ता होता है कार्बाइड को आम की पेटी में रखकर 1 दिन के लिए छोड़ दिया जाता है और अगले ही दिन आम पककार तैयार हो जाते हैं। कार्बाईड सेहत के लिए हानिकारक है। यह फल के अंदर मौजूद नमी के साथ मिलकर एसिटिलीन गैस बनाता है जिससे फिर Acetylide बनता है परंतु अब इस्तेमाल घटता जा रहा है।
चीनी पुड़िया द्वारा (Ethephon)
आम पकाने के लिए आजकल इथेफोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसे चीन से मंगाया जाता है यह सफेद रंग का पाउडर सैशे में होता है। इस पुड़िया को हल्के गुनगुने पानी में डुबोकर आम की पेटी के बीच में रखकर छोड़ दिया जाता है इससे निकलने वाली गैस से 18 से 20 घंटे के अंदर आम पक कर तैयार हो जाते हैं पकाने की इस प्रक्रिया में समय सीमा का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है क्योंकि बहुत ज्यादा समय तक रखने पर यह आम को गला सकता है और कम समय में रखने पर आम कच्चा रह सकता है ।
रायपिनिंग चैंबर द्वारा
रायपिनिंग चैंबर द्वारा भी आपको पकाया जाता है। आम को पकाने का सबसे बेहतरीन तरीका रायपिंग चैंबर का आजकल ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है। इस प्रक्रिया में आम को बड़े चेंबर में रखकर एथेन गैस का कंसंट्रेशन पावर 80 से 100 पीपीएम तक रखा जाता है। गैस में आमो को 24 घंटे तक रखा जाता है फिर गैस बाहर निकाल कर आमो को यूंही चेंबर में पड़ा रहने दिया जाता है ताकि देखने में आम नॉर्मल हो जाए।