गैस बनना अब हर आयु वर्ग की समस्या बन गयी है। गैस से परेशान है तो इसे पढ़िए।
लखनऊ | “क्या करूँ यार…पेट भर बनने वाली गैस से परेशान हूं।” ये लाइन अब आम होती जा रही है। बदलते दौर में मुनाफाखोरी के चलते मिलावटी खाद्य पदार्थ और फ़ास्ट फ़ूड, जंक फूड धीरे धीरे हमारी देश के स्वास्थ्य को खराब करते जा रहे है । अनियमित दिनचर्या और असंतुलित भोजन भी इसका बड़ा कारण है।
पेट में गैस होने के मुख्य कारणों में से एक है हमारे भोजन का ठीक से न पचना जिसे हम आम बोलचाल में अपच भी बोलते हैं। अपच हमारे जीवनशैली में गलत खानपान अथवा गलत आदतों की वजह से भी हो सकता है , जैसे कैफीन वाले पदार्थ, जंक फूड, तली भुनी चीजों का अत्यधिक सेवन करने के साथ साथ एंटीबायोटिक्स और पेनकिलर जैसी दवाओं का अंधाधुंध उपयोग भी हमारे पेट में अपच व गैस जैसी समस्याओं का मूल कारणों में से एक हैं।
गैस के लक्षण
- गैस बनने पर पेट का फूल जाना।
- अत्यधिक डकारों का आना।
- पेट में जलन।
- खाते ही पेट का फूल जाना।
- कभी-कभी मतली जैसी समस्याओं के साथ-साथ उल्टी होने जैसे लक्षण भी प्रकट होते हैं।
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गैस का इलाज |
गैस का होम्योपैथीक इलाज / उपचार :-
होमियोपैथी के डॉक्टर अरविंद कुमार सिंह बताते है “होमियोपैथी के अनुसार इस समस्या से परेशान रोगियों के अंदर अलग-अलग ढंग के लक्षणों के अनुसार दवा देकर रोगी को निरोग बना सकते है।
पेट में गैस के लिए लक्षणों के आधार पर उपयोग होने वाली होम्योपैथिक दवाएं।
जानिए किस दवाई का कब और कैसे उपयोग करें….
1.ARSENIC ALBUM
- इस दवा का मुख्य लक्षण खाने की गंध को भी बर्दाश्त नहीं कर पाना।
- समय समय पर थोड़ी-थोड़ी प्यास लगना या थोड़ा-थोड़ा पानी पीना।
- पेट में जलन के साथ दर्द भी होना।
- लगातार डकार का आना।
- थोड़ा सा भी खाने पीने से पेट में जलन होना।
- आइस क्रीम, ठंडा पानी व खट्टी चीजों के खाने के कारण अपच होना।
2.ANTIMONIM CRUDUM
- इस दवा के लक्षण मोटे और थुलथुले रोगियों में ज्यादा देखने को मिलते हैं।
- अत्यधिक चिड़चिड़ेपन के साथ बार बार डकारों का आना।
- सुबह के समय पेट से मुंह में मीठा पानी आना।
- जीभ पर सफेद मोटी परत का जमा होना।
- भूख न लगने के साथ साथ सीने में जलन, मतली और उल्टी का होना।
- रात के समय प्यास का बढ़ जाना।
- खायी हुई वस्तुओं की ही डकारें आना।
3.Natrum Carbonicum
- ज्यादा फैट वाले भोजन को खाने के बाद पेट का फूल जाना।
- मुँह का स्वाद कड़वा होना।
- अपच अथवा गैस के कारण लगातार डकारों का आना।
- सुबह 5 बजे जोरों की भूख लगना।
- इस दवा के लक्षण गर्मियों में बढ़ जाते हैं।
- दूध पीने की बिल्कुल इच्छा न होना।
- Natrum Carbonicum का रोगी संगीत सुनने के बाद उदास हो जाता है।
4.NUX. VOMICA
- गरिष्ठ और मसालेदार भोजन खाने के बाद दिक़्क़त का बढ़ जाना।
- मुँह में बदबू आने के साथ साथ पेट के ऊपरी हिस्से का अत्यधिक फूल जाना।
- ज्यादा फैट वाली चीजें खाने का मन करना।
- पेट दर्द के साथ पेट में भारीपन, ऐसा एहसास होना जैसे कोई वस्तु पेट में रखी है।
- अत्यधिक कॉफी पीने के बाद अपच होना।
4.LYCOPODIUM CLAVATUM
- इस दवा में शाम को 4 बजे से रात 8 बजे के मध्य लक्षणों का प्रकट होना देखा गया है।
- ऐसे रोगी को चलने पर आराम मिलता है।
- पेट फूलने के साथ साथ भूख का ज्यादा लगना।
- थोड़ा सा भी खाने के बाद खाई हुई वस्तु का पेट से मुंह में आ जाना।
- मीठी चीजें खाने की बहुत इच्छा होना।
- ऐसा एहसास होना जैसे गैस पूरे पेट में घूम रही है।
- गर्म चीजे खाने पीने का मन करना।
- इस औषधि के लक्षण शरीर के दाहिने अंगों पर अधिक प्रकट होते हैं।
5.CARBO VEGETABILIS
- हल्का भोजन करने पर भी पेट में खिंचाव महसूस होना।
- पेट के ऊपरी हिस्से में हाथ लगाने से दर्द होना।
- पेट फूलने से श्वांस का फूलना भी एक प्रमुख लक्षण है।
- पेट दर्द के कारण ऐंठन होना।
- पेट पीठ और रीढ़ की हड्डी में जलन होना।
- बदबूदार डकारें आना।
- लेटने पर दर्द का बढ़ जाना।
- खाने पीने के बाद लगातार डकारों का आना।
6.CINCHONA OFFICINALIS
- ज्यादा चाय पीने से गैस की समस्या होना।
- पित्त की पथरी के कारण गैस का बनना और पेट में दर्द होना।
- खाना पचे बिना ही दोबारा भूख का लगना।
- पेट में गैस महसूस होना जो कि न नीचे जा रही हो और न ऊपर।
- हिलने डुलने से आराम आना।
- फल खाने के बाद दिक्कत का बढ़ जाना।
7.PULSATILLA
- गरिष्ट भोजन करने के बाद गैस बने, अनपचा भोजन पेट में पड़ा रहे।
- प्यास न हो, जीभ पर गाढ़ी मैल की परत जमी हो।
आप डॉक्टर अरविंद से ईमेल द्वारा सलाह ले सकते है।
नोट- किसी अनुभवी चिक्तिसक से परामर्श के उपरांत ही दवाइयां ले।