मौसम को देखते हुए अब गर्मी बढ़ने लगी है। बदलते मौसम के कारण कई बार लोगों को बीमारियों की चपेट में आना पड़ता है। अस्पतालों में उल्टी ,दस्त, कालरा आदि से संबंधित मरीजों की संख्या बढ़ने लगती है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि गर्मी की शुरुआत से ही अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखें और अपने शरीर का ध्यान रखें।
आईएमडी(इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट ) ने इस साल अप्रैल से जून अधिक गर्मी का पूर्वानुमान जारी कर दिया है। ऐसे में नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने आईएमडी के साथ मिलकर गर्मी की असर से लोगों को बचाने के लिए कुछ एडवाइजरी जारी की है। इसके साथ ही आईएमडी ने हीट वेव एक्शन प्लान भी तैयार किया है।
आईए जानते हैं कि क्या है जारी की गई एडवाइजरी…
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* एनडीएमए (NDMA) ने प्लान में कूल रूफ के अलावा ओआरएस (ORS)के पर्याप्त पैकेट रखना और शहरों को आसपास साफ रखने के निर्देश दिए।
* इस एडवाइजरी में बताया गया कि बदलते मौसम, तापमान, नमी और हवा के के मुताबिक ही लोग कपड़े पहने
* धूप में निकलने से पहले अपने शरीर को सूती वस्त्र से अच्छी तरह ढक ले हो सके तो फुल आस्तीन के कपड़े पहने।
* लू से बचाव के लिए पानी का आधिकारिक सेवन करें एवं घर से निकलने से पहले अपने साथ पानी की बोतल जरूर रखें। लू से बचाव का एक और तरीका है कि अपने भोजन में प्याज का सेवन जरूर करें क्योंकि प्याज लू से शरीर को बचाने में सहायक होता है।
* देश में 30 राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों को लू के लिए संवेदनशील बताया गया है।
गर्मी से निपटने की हो रही तैयारियां
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गर्मियों से निपटने की तैयारी शुरू हो गई है क्योंकि गर्मी में तापमान बढ़ने के कारण अनेक प्रकार की बीमारियां भी उत्पन्न हो जाती हैं। आईए जानते हैं कि क्या है जरूरी तैयारियां है-
- तापमान हवा नमी और हीट इंडेक्स को लेकर फोरकास्ट सिस्टम बनाना
- वाटर मैनेजमेंट के तहत ग्रीन कवर और वाटर बॉडी को बढ़ावा देना
- एडवांस मेट्रोलॉजिकल सर्विस को लेकर अपडेट रहना इसके लिए जरूरी है कि समय-समय पर मेट्रोलॉजिकल साइड को चेक करते हैं।
- कूल रूफ को बढ़ावा देना। इस तकनीक में घर की छत को इस तरह तैयार किया जाता है कि वह घर के अंदर के तापमान को कम रख सके और अधिक गर्म न होने दे।
- राज्यों शहर के स्तर पर कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है।
- हीट वेव के लिए SOP पर अमल कर किया जाए।
- लोकल हिट एक्शन प्लान को प्रभावित तरीके से लागू किया जाएगा
- लू को देखते हुए ओआरएस के पैकेट की पहले से व्यवस्था करना जरूरी है। घर में या घर से निकलते समय अपने साथ ओ आर एस का पैकेट जरूर रखें।
- शरीर में पानी की कमी बिल्कुल भी न होने दे दिन में काम से कम तीन से चार लीटर पानी जरूर पिए क्योंकि गर्मियों के मौसम में पसीने के माध्यम से शरीर का आधिकारिक पानी निकल जाता है और पानी की सही पूर्ति न होने पर शरीर बीमार हो जाता है।
- शहर में अलग-अलग जगह पर हैंडपंप वाटर क्योस्क और कूलर लगवाए जाएंगे।
- सभी जगह काम करने वाले हेल्थ कर्मियों को हीट वेव्स से जुड़ी स्थिति के लिए तैयार करना जरूरी है।
- गर्मियों में चलने वाली गर्म हवा को ही लू कहते हैं। लू से बचाव अत्यंत आवश्यक है क्योंकि इससे शरीर में कमजोरी लगने लगती है और अनेक प्रकार की समस्या उत्पन्न हो सकते हैं।