सनातन धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन महिलाएं सरसों के तेल को स्पर्श नहीं करते हैं। इसके अलावा सोमवती अमावस्या को विशेष पूजा और अर्चना का भी विधान है।
इस वर्ष की पहली सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल 2024 को मनाई जा रही है। सोमवती अमावस्या पर मुख्य रूप से माता पार्वती और भोलेनाथ की पूजा की जाती है।
इस दिन दीपक जलाने का विशेष महत्व है परंतु क्या आप जानते हैं कि कहां पर दीपक जलाने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और समस्त मनोकामना पूर्ण करते हैं
आईए जानते हैं कि किन जगहों सोमवारी अमावस्या को दीपक जलाना माना जाता है शुभ…
जलाएं चौमुखी घी का दीपक
सोमवारी अमावस्या में कच्चे दूध शहद और घी से भगवान शंकर का अभिषेक करके घी से बना हुआ चौमुखी दीपक जलाना चाहिए इससे भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और पूजा करने वाले के सभी बिगड़े काम बना देते हैं एवं समस्त मनोकामना पूर्ण करते हैं।
पीपल के पेड़ पर जलाएं दीपक
सोमवती अमावस्या को पीपल के पेड़ के नीचे कड़वे(सरसो ) के तेल का दीपक जलाना चाहिए। दीपक जलाने के बाद वहां पर बैठकर पितृ सूक्त का पाठ करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। इसका कारण यह है कि सूर्यास्त के बाद पितृ अपने स्थान पर वापस लौटते हैं और यदि उनको अपने आने वाले रास्ते में कहीं भी अंधेरा नहीं दिखाई देता है तो वह उस व्यक्ति से प्रसन्न होते हैं जो व्यक्ति उनके लिए सोमवती अमावस्या के दिन दीपक जलाता है।
नदी में प्रवाहित करें दीपक
सोमवती अमावस्या के दिन यदि सूर्यास्त के बाद आटे से बने दीपक को किसी नदी अथवा सरोवर में प्रवाहित किया जाए तो भी यह शुभ माना जाता है। इससे भगवान प्रसन्न होते हैं और इससे उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
हनुमान जी के सामने जलाएं दीपक
सोमवती अमावस्या के दिन यदि हनुमान जी के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाकर सुंदरकांड का पाठ याद हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो उसे शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
घर के ईशान कोण में जलाएं दीपक
वैसे तो घर में प्रतिदिन लोगों की दीपक जलाया जाता है। परंतु सोमवारी अमावस्या के दिन दीपक जलाने का विशेष महत्व है। इस दिन रात के समय घर के ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व के बीच की दिशा में दीपक जलाना शुभ होता है। इससे पितर प्रसन्न होते हैं एवं माता लक्ष्मी की विशेष अनुकंपा प्राप्त होती है।