Author: मधुसूदन उपाध्याय

कम्युनिटी राइटर इंडिया मित्र • लेखक • जैव प्रौद्यौगिकी में एम.टेक और पी.एच.डी • विगत बारह वर्षों से शोध अध्यापन तथा ग्रामीण क्षेत्रों में विज्ञान प्रसार • विज्ञान पत्रकारिता एवं नवाचार में सक्रियता।

ज्योतिष क्या है ? ज्योतिष का मुख्य आधार है काल (समय) काल की गणना से ही ज्योतिष प्रारम्भ होता है। और यह काल चक्र ही है। जिसमें संसार गतिमान है। इसी काल (समय) का वर्णन भगवान ने गीता में करते हुए कहा कि “कालः कलयतामहम्” (अध्याय-10/श्लोक-30) अर्थात् “गणना करने वालों में मैं काल हूँ’ और सर्व विदित है कि काल (समय) का निर्धारण (गणना) सूर्य से होती है, और इसी सूर्य को भी भगवान ने अपना स्वरुप बताया है इस प्रकार – “ज्योतिषां रविरंशुमान् 10/21 इतना ही नहीं दो अयन होते हैं उत्तरायन और दक्षिणायन इनका भी गीता में भगवान…

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