इन दिनों शांत सरयू नदी के किनारे बसी अयोध्या नगरी में काफी हलचल है। अयोध्या नगरी भव्य एवं नव रूप में निखरी प्रतीत हो रही है क्योंकि यहां पर भगवान श्री राम के बाल रूप की प्राण प्रतिष्ठा यानि भगवान श्री राम का आगमन हो चुका है। अपनी आध्यात्मिक अनुगूंज और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध होने के बावजूद अयोध्या अपने आध्यात्मिक आकर्षण से परे मनोरम आकर्षणों की एक श्रृंखला के साथ पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है। यहां के घाट,जल निकाय, त्यौहार, उत्सव और उत्साह एक कार्निवल है और जाति पंथ और धर्म की सीमाओं से परे है। अयोध्या में होने वाली सरयू की आरती अपने आप में विशेष आकर्षण है। आईए जानते हैं कि कैसे होती है अयोध्या में सरयू नदी की आरती…
सरयू आरती
राम की पौड़ी अयोध्या में सरयू नदी के तट पर स्थित घाटों की एक श्रृंखला यहाँ के टॉप टूरिस्ट आकर्षण में से एक है। हर साल दिवाली के शुभ अवसर पर राम जी की पौड़ी पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन होता है। हम आपको बता दें की सरयू नदी के तट पर होने वाली आरती अपने आप में विशेष आकर्षण का प्रतीक है क्योंकि आरती के दौरान होने वाले मंत्रमुग्ध मंत्रो का उच्चारण, तैरते हुए दीपक और आध्यात्मिक वातावरण सभी को आनंद से भर देते हैं यहां आने वाले पर्यटकों व श्रद्धांलुओं के लिए यह आकर्षण का विषय है। साथ ही यहां पर आने से भक्तों को भगवान के भक्ति सागर में स्वयं को तिरोहित करने का मौका मिलता है।
अयोध्या न केवल एक आध्यात्मिक नगरी के तौर पर विशेष महत्व रखती है बल्कि एक ऐसा स्थान भी है जो आने वाले लोगों को अपनी समृद्धि ऐतिहासिक विरासत,उत्कृष्ट वास्तुशिल्प और विविध संस्कृति विरासत की झलक देता है। इस प्राचीन शहर की महत्ता को और अधिक जानने के लिए आप पुरानी कथाएं और अयोध्या का समृद्धि इतिहास पढ़ सकते हैं। संध्या काल के समय सभी भक्तगण एक साथ सरयू नदी की आरती करते हैं चारो तरफ दीपो का प्रकाश जगमगाता हैं जो लोगो को अयोध्या नगरी की तरफ आकर्षित करते हैं।
सरयू स्नान
देश के कोने-कोने से श्रद्धालु सरयू नदी की पवित्र जल में स्नान करने के लिए आते हैं। भगवान श्री राम का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस पवित्र नदी में स्नान करने के बाद सभी भक्त सरयू आरती में हिस्सा लेते हैं। जो नियमित रूप से आयोजित की जाती है। अयोध्या की समृद्धि और सुंदरता लोगो के लिए भव्य दृश्य प्रस्तुत करता है,जब भक्त यहां आते हैं तो भगवान के भक्ति में डूब जाते हैं।