रामायण सहित पुरातन में अयोध्या को अत्यंत पवित्र भूमि बताया गया है क्योंकि इस भूमि पर भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। वर्तमान समय में अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण का कार्य चल रहा है तो ऐसे में इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है वैसे तो हर साल दुनिया भर से लोग यहां आते रहते हैं लेकिन विकास के बाद इसका अनुमान है कि इसकी संख्या लाखों में पहुंच जाएगी।
आइये जानते हैं प्रभु श्री राम मंदिर व पवित्र कुंडो के बारे में विस्तार से –
राम मंदिर की संरचना
भगवान श्री राम का मंदिर तीन मंजिला पारंपरिक नागर शैली में बनाया गया है और इसकी लंबाई 380 फीट पूरब पश्चिम दिशा में 250 फीट चौड़ाई और 161 फीट ऊंचाई है इसमें 392 खंबे हैं और 44 दरवाजे हैं।
मंदिर में पांच मंडप है-
नृत्य मंडप
रंग मंडप
सभा मंडप
प्रार्थना मंडप
कीर्तन मंडप
प्रवेश द्वार पर हाथी, शेर, भगवान हनुमान और भगवान विष्णु के रक्षक वहां की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं।
अयोध्या के प्रमुख पवित्र कुंड
सीता कुंड
अयोध्या रेलवे स्टेशन से 2 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में स्थित सीता कुंड अपनी पवित्रता के लिए जाना जाता है। इसमें स्नान करने से मुक्ति या भगवान राम की प्राप्ति होती है।हम आपको बता देंगे पौराणिक कथाओं के अनुसार सीता कुंड का निर्माण स्वयं सीता जी ने किया था और यह भगवान राम द्वारा दिए गए वरदान के कारण अपनी पवित्रता के लिए भी प्रसिद्ध हो गया है। हर साल सीता माता के जन्मदिन पर इस तालाब पर एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। वर्तमान में यह स्ट्रक्चर पेड़ों और फूल पत्तियों से भरा एक विकसित क्षेत्र है।
विद्या कुंड
विद्या कुंड मणि पर्वत से 200 मी पूरब और सीता कुंड से 1.75 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में स्थित है। विद्या कुंड महा विद्या मंदिर परिसर के अंदरूनी कोर्टयार्ड में स्थित है। यह एक आयताकार कुंड है, जिसके चारों तरफ पत्थर की सीढ़ियां बनी हुई है। विद्या देवी माता सरस्वती का एक छोटा सा मंदिर तालाब के दक्षिणी किनारे पर बनाया गया है। कहा जाता है कि तालाब के पश्चिमी हिस्से में एक विद्यापीठ था जो कभी आध्यात्मिक ज्ञान का केंद्र रहा होगा।इसके बारे में यह भी कहा जाता है कि यह वही स्थान है जहां भगवान राम को उनके गुरु वशिष्ठ जी ने शिक्षा दी थी।
खरजू कुंड
खरजू कुंड विद्याकुंड से लगभग 650 मीटर आगे दक्षिण में स्थित है पौराणिक कथाओं के अनुसार इस कुंड में स्नान करने से खुजली आदि सभी चर्म रोगों से मुक्ति मिल जाती है। विशेष रूप से रविवार का दिन त्वचा रोगों को दूर भगाने तथा भगवान सूर्य का आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे उत्तम दिन माना जाता है।