भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान माना जाता है।यह संधान स्वरुप में लचीला एवं विशिष्टताओं का योग है। भारतीय संविधान में मूल रूप से एक प्रस्तावना 395 अनुच्छेद,22 भाग एवं 12 अनुसूचियां है। वर्तमान में भारतीय संविधान में लगभग 470 अनुच्छेद, 25 भाग 12 अनुसूचियां मानी जाती है परंतु इन अनुच्छेदों को उपभागों में बांटा गया है। लिखित तौर पर इन्हें अभी नहीं माना जाता है। आइए जानते हैं कि भारतीय संविधान के कौन से अनुच्छेद सबसे महत्वपूर्ण है। भाग -3
- अनुच्छेद 177 सदनों के बारे में मंत्रियों और महाधिवक्ता के अधिकार
- अनुच्छेद 178 :- विधानसभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
- अनुच्छेद 179 :- अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना या पद से हटाया जाना
- अनुच्छेद 180 :- अध्यक्ष के पदों के कार्य व शक्ति
- अनुच्छेद 181 :- अध्यक्ष उपाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई संकल्प पारित होने पर उसका पिठासिन ना होना
- अनुच्छेद 182 :- विधान परिषद का सभापति और उपसभापति
- अनुच्छेद 183 :- सभापति और उपासभापति का पद रिक्त होना पद त्याग या पद से हटाया जाना
- अनुच्छेद 184 :- सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन व शक्ति
- अनुच्छेद 185 :- संभापति उपसभापति को पद से हटाए जाने का संकल्प विचाराधीन होने पर उसका पीठासीन ना होना
- अनुच्छेद 186 :- अध्यक्ष उपाध्यक्ष सभापति और उपसभापति के वेतन और भत्ते
- अनुच्छेद 187 :- राज्य के विधान मंडल का सविचाल.
- अनुच्छेद 188 :- सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
- अनुच्छेद 189 :- सदनों में मतदान रिक्तियां होते हुए भी साधनों का कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति
- अनुच्छेद 199 :- धन विदेश की परिभाषा
- अनुच्छेद 200 :- विधायकों पर अनुमति
- अनुच्छेद 202 :- वार्षिक वित्तीय विवरण
- अनुच्छेद 213 :- विधानमंडल में अध्यादेश सत्यापित करने के राज्यपाल की शक्ति
- अनुच्छेद 214 :- राज्यों के लिए उच्च न्यायालय
- अनुच्छेद 215 :- उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना
- अनुच्छेद 216 :- उच्च न्यायालय का गठन
- अनुच्छेद 217 :- उच्च न्यायालय न्यायाधीश की नियुक्ति पद्धति शर्तें
- अनुच्छेद 221 :- न्यायाधीशों का वेतन
- अनुच्छेद 222 :- एक न्यायालय से दूसरे न्यायालय में न्यायाधीशों का अंतरण
- अनुच्छेद 223 :- कार्यकारी मुख्य न्याय मूर्ति के नियुक्ति
- अनुच्छेद 224 :- अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति
- अनुच्छेद 226 :- कुछ रिट निकालने के लिए उच्च न्यायालय की शक्ति
- अनुच्छेद 231 :- दो या अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय की स्थापना
- अनुच्छेद 233 :- जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति
- अनुच्छेद 241 :- संघ राज्य क्षेत्र के लिए उच्च-न्यायालय
- अनुच्छेद 243 :- पंचायत नगर पालिकाएं एवं सहकारी समितियां
- अनुच्छेद 244 :- अनुसूचित क्षेत्रो व जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन
- अनुच्छेद 248 :- अवशिष्ट विधाई शक्तियां
- अनुच्छेद 252 :- दो या अधिक राज्य के लिए सहमति से विधि बनाने की संसद की शक्ति
- अनुच्छेद 254 :- संसद द्वारा बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान मंडल द्वारा बनाए गए विधियों में असंगति
- अनुच्छेद 256 :- राज्यों की और संघ की बाध्यता
- अनुच्छेद 257 :- कुछ दशाओं में राज्यों पर संघ का नियंत्रण
- अनुच्छेद 262 :- अंतर्राज्यक नदियों या नदी दूनों के जल संबंधी विवादों का न्याय निर्णय
- अनुच्छेद 263 :- अंतर्राज्यीय विकास परिषद का गठन
- अनुच्छेद 266 :- संचित निधी
- अनुच्छेद 267 :- आकस्मिकता निधि
- अनुच्छेद 269 :- संघ द्वारा उद्ग्रहित और संग्रहित किंतु राज्यों को सौपे जाने वाले कर
- अनुच्छेद 270 :- संघ द्वारा इकट्ठे किए कर संघ और राज्यों के बीच वितरित किए जाने