अभी हाल ही में हुए चुनाव (9 सितम्बर 2025) में सी. पी. राधाकृष्णन (C. P. Radhakrishnan) भारत के नए उपराष्ट्रपति चुने गए हैं।
उनका कार्यकाल पाँच साल का होगा और वे राज्यसभा के सभापति (Chairman of Rajya Sabha) के रूप में भी काम करेंगे।
कौन है भारत के अगले उपराष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन। आईये जानते हैं इनके पृष्ठभूमि के बारे में
पूरा नाम: Chandrapuram Ponnusamy Radhakrishnan
जन्म: 4 मई 1957, तिरुप्पुर, तमिलनाडु
शिक्षा: उन्होंने वाणिज्य (Business Administration) में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है, V. O. Chidambaram College, तूतीकोरिन से।
राजनीतिक एवं सार्वजनिक जीवन
राधाकृष्णन बहुत छोटे से ही सामाजिक/राजनीतिक गतिविधियों से जुड़े थे — उन्होंने RSS में स्वयंसेवक के रूप में काम करना शुरू किया था और जनसंघ के युवा दिनों से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं।
उन्होंने BJP के तमिलनाडु राज्य इकाई में अहम स्थान प्राप्त किया। राज्य अध्यक्ष बने थे।
संसद और अन्य जिम्मेदारियां
सांसद (Lok Sabha) रहें: उन्होंने दो बार कोयंबटूर (Coimbatore), तमिलनाडु से लोकसभा सदस्य चुने गए — 1998 और 1999 में।
राष्ट्रीय-स्तर की भूमिका:

कोइर बोर्ड (Coir Board) के अध्यक्ष रहे हैं, जहाँ के निर्यात और विकास की गतिविधियों को बढ़ाया गया।
BJP के लिए केरल-प्रभारी (in-charge) भी रहे हैं।
राज्यपालता की जिम्मेदारियाँ (Governorship)
उन्होंने झारखण्ड के राज्यपाल के रूप में सेवा दी है, फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक।
इस दौरान कुछ समय के लिए तेलंगाना के राज्यपाल (additional charge) और पुडुचेरी के उप राज्यपाल (Lt Governor) की उपाधि भी संभाली।
31 जुलाई 2024 से वे महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं।
उपराष्ट्रपति चुनाव एवं जीत
NDA (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन) ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया।
चुनाव में उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को लगभग 152 मतों से हराया।
कुल वोटों में उन्होंने 452 मत प्राप्त किए, जबकि सुदर्शन रेड्डी को लगभग 300 मत मिले।
मतदान में सांसदों ने लगभग 98.2% उपस्थिति दिखाई।
शपथ ग्रहण की तारीख: 12 सितम्बर 2025 को होंगे उपराष्ट्रपति के पद की शपथ।
उपराष्ट्रपति चुनाव एवं जीत
वे तमिलनाडु के कोयंबटूर क्षेत्र से हैं — दक्षिण भारत से वरिष्ठ BJP नेता बनने का एक उदाहरण।
सामाजिक और जनहित से जुड़े मुद्दों पर उन्होंने विभिन्न कार्यक्रम चलाये — जैसे अछूतत्व उन्मूलन, नदी-संयोजन (river linking), आदि।
उन्हें “soft-spoken” नेता माना जाता है, विवादों में कम रहने वाले व्यक्ति के रूप में।