आजकल बिगड़ते खानपान की वजह से लोगो को अनेक प्रकार की समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है। लोगो द्वारा अपने स्वास्थ्य का सही तरीके से ध्यान न देने के कारण उन्हें शुगर ,गठिया रोग, सांस की बीमारी, मोटापा, पथरी , मूत्र मार्ग में रूकावट, किडनी फेल आदि बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है।
कम्पलीट किडनी फेलियर के बावजूद मरीज स्वस्थ्य रह सकता है, बशर्ते उसे अपनी दिनचर्या को सुधारना होगा। सही खानपान और जीवन शैली को अपनाना होगा। आज वर्तमान समय में लोग डर और अज्ञानता के कारण सही इलाज नहीं कराते है। जबकि सच मानिये तो आपकी इस समस्या का हल ऐसी ही किसी एंटीबीओटिक दवाई में नहीं है बल्कि इसका सही निदान (हल)नेफ्रोलॉजिस्ट के पास है वे इसे कंटोल कर सकते है ।
हाल के दिनों में किडनी फेलियर के काफी मामले देखने को मिल रहे है। जिसमे कई बार मरीज की जान भी चली जाती है। अनुमानित आकड़ो के अनुसार १५% लोग किडनी की बीमारियों का सामना कर रहे है । देश में हर साल ३००००० किडनी फेलियर के शिकार होते है। इसमें से अधिकाधिक लोगो की संसाधन और जागरूकता की कमी के कारण असमय मृत्यु हो जाती है। किडनी के प्रति जन जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल मार्च के दूसरे गुरुवार को विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है ।
सही जानकारी :निदानात्मक उपाय
आज के समय में बीमारियों को लेकर बहुत ही भ्रामक जाकारिया दी जा रही है। यूरिया और क्रिएटिनिन जांच भी गलत तरीके से की जा रही है। यूरिया और क्रिएटिनिन किडनी में नहीं बनता है। ये खानपान या मांसपेशियो से पैदा होते है । हम आपको बता दे कि किडनी फंक्शन और उसकी सही देखभाल के बारे में लोगो को बताकर उनका भय दूर किया जा सकता है ।
अपनाये सही जीवन शैली..
- जीवन में बीमारियों व समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है कि हम सही दिनचर्या को अपनाये, अपना खानपान सुधारे।
- जीवन में योग को अपनाएं। प्रतिदिन एक्सरसाइज करे।
- खानपान के प्रति सजग रहें। खानपान में एक सही मात्रा में ही प्रोटीन का सेवन करे क्युकी ज्यादा प्रोटीन कहीं ना कहीं किडनी के लिए हानिकारक है।
- धूम्रपान और बाकी गलत आदतें भी किडनी के हानिकारक हैं।
- आजकल जो लोग नीम-हकीमी में दर्द की गोली या एंटीबायोटिक लेते हैं, वह किडनी को नुकसान पहुंचाती है।
- नीम-हकीमों को छोड़ यह बीमारी होते ही सही डॉक्टर से संपर्क करे तो किडनी ठीक भी हो सकती है।
- अगर किडनी कमजोर हो तो एक नैफ्रोलॉजिस्ट इस किडनी को ज्यादा चला सकता है । यहां तक कि फेल होने पर भी उसके पास किडनी चलाने के लिए पूरे इंतजाम होते हैं।
किडनी से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारियाँ…
- हर मनुष्य में दो किडनी (गुर्दे)होते है इनका मुख्य काम पेशाब का निर्माण करना होता है
- किडनी शरीर में रोज पैदा होने वाले जहरीले पदार्थ और अतिरिक्त पानी को बाहर निकालती है।
- हमारे खानपान के रूप में किडनी शरीर में विभिन्न तत्वों को संतुलित रखती है।
- किडनी खून के निर्माण, हड्डियों की मजबूती और रक्तचाप नियंत्रण में मुख्य भूमिका निभाती है।
- किडनी की बीमारी के बहुत से लक्षण सामान्य बीमारी के जैसे ही होते हैं, जैसे- कमजोरी, बदनदर्द, खून की कमी, उच्च रक्तचाप, अपच, सूजन और मूत्रमार्ग में परेशानी। बहुत बार मरीज इन शुरुआती लक्षणों को समझ नहीं पाते और गैस या दर्द की गोली खाकर समय नष्ट करते रहते हैं।
- किडनी फंक्शन टेस्ट में खून में यूरिया, क्रिएटिनिन, सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस की जांच होती है। ध्यान रहे कि यूरिया क्रिएटिनिन लेवल तभी बढ़ता है, जब किडनी 50 फीसदी से भी ज्यादा क्षतिग्रस्त हो जाती है।
अत्यधिक परहेज कर वजन और मांसपेशियों को क्षीण कर दें तो यूरिया और क्रिएटिनिन का लेवल कम हो जाएगा। पर इसका मतलब यह नहीं कि किडनी ठीक हो गई। इसलिए आजकल GFR को नापते हैं।- पेशाब में प्रोटीन और खून का आना किडनी की बीमारी का शुरुआती लक्षण है।
- किडनी की सही जानकारी के लिए कई बार जरूरत पड़ने पर न्यूक्लियर स्कैन, सीटी स्कैन, MRI आदि कराया जाता है। अल्ट्रासाउंड से किडनी और मूत्रमार्ग की बनावट का पता चलता है।
- कई बार मधुमेह, उच्च रक्तचाप, गठिया, कैंसर, मूत्रमार्ग में रुकावट, किडनी की पथरी, प्रोस्टेट, वृद्धावस्था, मोटापा और बेकार जीवन शैली का अनुकरण किडनी की बीमारी की आशंका बढ़ा देता है।
- अधिकांश बीमारियां समय रहते इलाज से ठीक हो जाती हैं। अगर बीमारी पुरानी और क्रॉनिक हो जाती है तो भी कमजोर किडनी को गुर्दा रोग विशेषज्ञ(नेफ्रोलॉजिस्ट ) कण्ट्रोल कर सकते है
- किडनी का कामकाज कृत्रिम रूप से भी चलाया जा सकता है, जिसे रीनल रिप्लेसमेंट थेरेपी कहते हैं। डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट भी कामयाब हैं।