73 वर्षीय दिग्गज तबला वादक जाकिर हुसैन (Ustad Zakir Hussain) का बीते रविवार 15 दिसंबर को निधन हो गया। बता दें कि अचानक तबियत बिगड़ने की वजह से उन्हें सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल भर्ती कराया गया था, जहां अस्पताले में ही उनका निधन हो गया।
उस्ताद ज़ाकिर हुसैन (9 मार्च 1951 – 15 दिसंबर 2024) एक भारतीय तबला वादक, संगीतकार, तालवादक, संगीत निर्माता और फिल्म अभिनेता थे। उन्हें शास्त्रीय भारतीय संगीत को आगे बढ़ाने के लिए जाना जाता था |
जाकिर हुसैन की मृत्यु इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (Idiopathic pulmonary fibrosis ) के कारण हुई। उनकी इस बीमारी का नाम सामने आते ही कई लोगों के मन में पहला सवाल उठता है कि आखिर ये बीमारी क्या है?
आईए जानते है कि क्या है इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस-
इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस
इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस फेफड़ों की एक गंभीर बीमारी है जो तब होती है जब फेफड़े के टीश्यू डैमेज हो जाते हैं। ऐसी में टीश्यूज गाढ़े और कठोर हो जाते हैं जिस वजह से फेफड़ों के लिए ठीक से काम करना कठिन हो जाता है। अगर समय पर इस बीमारी का पता नहीं चला तो ये वक्त के साथ बिगड़ती जाती है। यह स्थिति इसलिए भी डरावनी होती है क्योंकि अधिकतर मामलों में डॉक्टर भी यह नहीं बता पाते हैं इस बीमारी के होने का कारण क्या है। इस बीमारी के कारण अभी तक अज्ञात हैं
योपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस के लक्षणों निम्न हैं:
- सांस लेने में कठिनाई होना
- लगातार सूखी खांसी होना
- अत्यधिक थकान
- तेजी से वजन कम होना
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- उंगलियों खासतौरपर पैरों की उंगलियों के सिरों का चौड़ा और गोल होना, जिसे क्लबिंग कहा जाता है।
जाकिर हुसैन को जीवन में मिले ये सम्मान
ज़ाकिर हुसैन को भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में सन् 1988 में पदम श्री तथा सन् 2002 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से हैं। इन्हें 22 मार्च 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।