मजदूरों के नाम समर्पित यह दिन 1 मई है। मजदूर दिवस को लेबर डे, श्रमिक दिवस या मई डे के नाम से भी जाना जाता है। श्रमिकों के सम्मान के साथ ही मजदूरों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने के उद्देश्य से भी इस दिन को मनाते हैं, ताकि मजदूरों की स्थिति समाज में मजबूत हो सके।
श्रमिक या मजदूर वर्ग की उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए हर साल मई के पहले दिन मजदूर दिवस या अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाया जाता है। यह दिन श्रमिकों के उत्सव और समाज में उनके द्वारा किए गए योगदान के लिए समर्पित है।
मजदूर दिवस का इतिहास
1889 में मार्क्सवादी इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस ने एक महान अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन के लिए एक प्रस्ताव अपनाया। जिसमें उन्होंने मांग की कि श्रमिकों को दिन में 8 घंटे से अधिक काम नहीं करना चाहिए। इसके बाद यह एक वार्षिक आयोजन बन गया और 1 मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
वर्ष 2023 मजदूर दिवस की थीम
इस बार अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस 2023 की थीम है – सकारात्मक सुरक्षा और स्वास्थ्य संस्कृति का निर्माण (Act together to build a positive safety and health culture) के लिए मिलकर कार्य करें।शिकागो की घटना के बाद यूरोप में जब मजदूरों के लिए हड़ताल और प्रदर्शन किए गए तो 1 मई को चुना गया।
भारत में पहला मजदूर दिवस 1 मई 1923 को मद्रास में मनाया गया था। इसकी शुरुआत लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान ने की थी।