लखनऊ। आज सुबह से ही पूरे उत्तर प्रदेश के रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक, सहायक लेखाकार, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी संवर्ग के संविदा कर्मचारियों का जमावड़ा लखनऊ स्थित इको गार्डन में शुरू हो गया, बिना किसी संगठन के बैनर के यह महा आंदोलन पूर्व सदस्य केंद्रीय रोजगार गारंटी परिषद संजय दीक्षित के नेतत्व में शुरू हुआ।
महा आंदोलन की शुरुआत करने से पहले राष्ट्रगान गाया गया, महात्मा गांधी,बाबा भीमराव अंबेडकर ,पंडित अटल बिहारी बाजपेयी और योगी आदित्यनाथ के जयघोष के साथ संजय दीक्षित ने मौके पर मौजूद लोगों को लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंतर्गत गांधीवादी तरीके से महा आंदोलन में शामिल रहने और अनुशासित रहने का आग्रह किया।
गलत नीतियों का परिणाम भुगत रहे प्रदेश के 45 हजार परिवार…
ब्योरोक्रेसी की मंशा पर सवाल उठाते हुए संजय दीक्षित ने कहा “हमारा मुख्यमंत्री निश्चित रूप से ईमानदार और संवेदनशील है लेकिन अधिकारी उन्हें गुमराह कर रहे है, मुख्यमंत्री को जमीनी हकीकत और संविदाकर्मियों के योगदान , और उनकी समस्याओं से अवगत नही कराया जाता जिसके परिणाम स्वरूप मनरेगा संविदाकर्मी आज आंदोलन करने पर विवश है,हमें भरोसा है कि हमारी आवाज सरकार तक जाएगी और सरकार न्याय करेंगी।
सेवा प्रदाता अधिकारियों की चाल,बना रहे है भष्टाचार का रास्ता…
संजय ने बताया ,”सेवा प्रदाता भर्ती अधिकारियों के भष्टाचार का एक माध्यम है और अभी जो सेवा प्रदाता भर्ती में ये खुलेआम हुआ ,मीडिया और सोशल मीडिया पर कलई खुलने के बाद विभाग को मजबूरी में आदेश वापस लेना पड़ा,”
संजय का कहना है कि सेवा प्रदाता भर्ती प्रदेश के नव युवकों को बंधुआ मजदूर बनाने की तैयारी है ,ये भर्ती कमीशनखोरी, युवाओं शोषण का माध्यम बनेगी इस लिए हम सेवा प्रदाता भर्ती पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहें है।
पंचायत सहायक के पद पर समायोजन मुख्य मांग…
संजय ने धरना स्थल पर बताया ,” जो मेट भर्ती और पंचायत सहायक भर्ती होने जा रही है और उनकी जो कार्य भूमिका निर्धारित की गयी है ये सारे काम मनरेगा संविदाकर्मी पहले से ही कर रहें है, और हमारे रोजगार सेवक को इन कार्यों का 14 वर्षो का अनुभव है ,पंचायत सहायक पद पर मनरेगा संविदाकर्मी को अनुभव के आधार पर प्राथमिकता देते हुए मेट और पंचायत सहायक के लिए स्वीकृत राशि को मिलाकर एक सम्मानजनक मानदेय के साथ हिमांचल प्रदेश और राजस्थान की तर्ज पर नियमित किया जा सकता है और ये हमारी प्रमुख मांग है।
भले जान चली जाए बिना न्याय दिलाये नही जाएंगे…
संजय ने आक्रोशित होते हुए धरना स्थल पर कहा,” अब हम अंतिम लड़ाई की स्थिति में है,उत्पीड़न सहने की क्षमता अब संविदाकर्मियों में खत्म हो गयी है, हमें न्याय नही मिला तो मजबूरी में आत्मघाती कदम उठाने पड़ेंगे, भले जान चली जाए इस बार बिना न्याय लिए वापस नहीं जाएंगे।