दीपावली हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह त्योहार पांच दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें विभिन्न पूजाएं, अनुष्ठान और उत्सव होते हैं।
दीपावली की पौराणिक कथा
दीपावली की कहानी भगवान राम की विजय से जुड़ी हुई है। जब भगवान राम ने रावण को पराजित किया और अपनी पत्नी सीता को बचाया, तो उनके स्वागत के लिए अयोध्यावासियों ने दीये जलाए। यह घटना दीपावली के रूप में मनाई जाती है।
कृष्ण लीला की कथा
भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस को पराजित किया और उसकी मृत्यु के बाद उसकी पत्नी और पुत्रियों को मुक्त किया।
इस विजय के उपलक्ष्य में भगवान कृष्ण के स्वागत के लिए दीये जलाए गए। यह घटना भी दीपावली से जुड़ी हुई है।
दीपावली होता है 5 दिन का त्यौहार
- धनतेरस: यह दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा के लिए होता है, जो स्वास्थ्य और समृद्धि के देवता हैं।
- नरका चतुर्दशी: यह दिन भगवान कृष्ण की विजय के लिए होता है, जिन्होंने नरकासुर नामक राक्षस को पराजित किया।
- लक्ष्मी पूजा: यह दिन भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए होता है, जो समृद्धि और अच्छाई के देवता हैं।
- गोवर्धन पूजा: यह दिन भगवान कृष्ण की विजय के लिए होता है, जिन्होंने गोवर्धन पर्वत को उठाया।
- भाई दौज: यह दिन भाई-बहन के प्यार के लिए होता है, जब बहनें अपने भाइयों की लंबी आयु के लिए पूजा करती हैं।
दीपावली की पूजा करने का विधान
दीपावली की पूजा विधि इस प्रकार है:
- घर की साफ-सफाई करें।
- दीये जलाएं।
- लक्ष्मी पूजा करें।
- गणेश पूजा करें।
- भगवान राम और भगवान कृष्ण की पूजा करें।
- आतिशबाजी करें।
- मिठाइयां बांटें।
दीपावली का महत्व
दीपावली दीपों का त्यौहार होता है जो खुशियों के साथ-साथ प्रकाश फैलता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है दीपावली खुशियों के त्यौहार के साथ-साथ यहां बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है जो हमें सत्य निष्ठ , धर्म और न्याय के मार्ग पर चलना सिखाता है।