“चंदन है वंदन है, खुशियों का स्वरा आनंदन है।
गणपति जी पधारो हमारे घर आपका अभिनंदन है।”
गणेश चतुर्थी प्रत्येक वर्ष गणेश जी के आगमन और उत्सव पर मनाई जाती है। वर्ष 2022 की इस साल गणेश चतुर्थी 31 अगस्त को पड़ी है। सही तरीके से गणेश चतुर्थी उदया तिथि में मनानी चाहिए। बुधवार के दिन गणपति बप्पा की पूजा की जा सकती है तथा इसके अलावा कल्याणकारी चित्रा नक्षत्र प्रथम देव गणपति का सप्ताहिक दिन भी बुधवार है।
उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के संस्कृत साहित्य चार्य महेंद्र कुमार पाठक के अनुसार गणेश चतुर्थी मंगलवार को दोपहर 2:30 से बुधवार दोपहर 1:58 तक रहेगी दूसरी तरफ भद्रा 30 अगस्त की रात 2:00 14 से 31 की सुबह 1:15 तक थी लेकिन भद्रा पताल को लोक में थी । इस कारण से इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
गणेश चतुर्थी के दिन चांद के दर्शन क्यों नहीं करनी चाहिए
गणेश चतुर्थी चंद्र देव के दर्शन नहीं करने चाहिए। इस दिन चंद्रमा के दर्शन करना अपशकुन माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा का दर्शन करने से झूठा कलंक या आक्षेप लगने की संभावना होती है।
कब मनाया जाता है गणपति उत्सव?
भारत में गणेश उत्सव भाद्रपद मास की चतुर्थी से चतुर्दशी तक मनाया जाता है। यह दस दिनों तक चलने वाला हिंदू धर्म का पौराणिक पर्व है।
कब से हुई गणपति उत्सव मनाने की शुरुआत?
युगों युगों से गणेश उत्सव का आयोजन होता आ रहा है उत्सव के प्रमाण हमें सातवाहन, राष्ट्रकूट तथा चालुक्य वंश के काल से मिलते हैं।गणेश उत्सव को मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज ने राष्ट्रधर्म और संस्कृति से जोड़कर एक नई शुरुआत की थी।
गणपति मूर्ति को स्थापित करने की सही दिशा
यदि आप भी अपने घर में गणपति बप्पा को स्थापित करने जा रहे हैं ,तो किस दिशा में उनकी स्थापना करनी है इस बात का विशेष ध्यान दें। किसी वस्तु शास्त्र के अनुसार दिशा का अपना एक विशेष महत्व होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार
गणेश की मूर्ति की स्थापना अगर दिशा और कोण के आधार पर करेंगे तो निश्चित ही आपकी पूजा फलदायी होगी। गणपति की सही दिशा में स्थापना आर्थिक समृद्धि के द्वार खोलती है।घर में भगवान गणेश की मूर्ति को ईशान कोण यानि उत्तर पूरब दिशा में स्थापित करना उत्तम होता है। गणपति बप्पा सुख समृद्धि के प्रतीक हैं तथा वे जहां भी जाते हैं उस घर को खुशियों से भर देते हैं।
गणेश चतुर्थी के लिए आवश्यक पूजन सामग्री
गणेश चतुर्थी का पूजन बड़ी विधि विधान से करना चाहिए। गणेश चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा का इसमें आगमन होता है ।और गणपति बप्पा की पूजन मे किसी प्रकार की कोई कमी ना हो इसके लिए आइए जानते हैं कि क्या है गणेश पूजन के लिए आवश्यक सामग्री
- भगवान गणेश की प्रतिमा
- लाल कपड़ा
- दूर्वा
- जनेऊ
- कलश
- नारियल
- पंचामृत
- पंचमेवा
- गंगाजल
- रोली
- मौली लाल
कैसे करें गणपति बप्पा की स्थापना??
गणेश चतुर्थी के दिन सर्वप्रथम सुबह शुभ मुहूर्त में स्नान करने के पश्चात कर ले उसके बाद नई चौकी लें और इसे गंगाजल से शुद्ध करें।इसके बाद चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर अक्षत रख कर भगवान गणपति की आराधना करें। इसके बाद गणपति के मुर्ति को चौकी पर स्थापित करें।
अब आप भगवान गणेश की प्रतिमा पर गंगाजल छिड़कें और मुर्ति के दोनों तरफ एक एक सुपारी रखें। भगवान गणेश की मुर्ति के दाईं ओर एक जल से भरा कलश रखें।
अब आप गणपति की आराधना करते हुए ‘ऊं गं गणपतये नमः’ मंत्र का जाप करें। मान्यता है कि गणेश जी की पूजा करने से हमारे घर में हमेशा खुशहाली बरकरार रहती है।