कबीर दास जी निर्गुण ब्रह्म उपासक कवि माने जाते हैं जिन्होंने हिंदी साहित्य में अनेक रचनाएं लिखी हैं विशेष तौर पर उन्होंने सभी जाति धर्म पर लिखा है उन्होंने कुछ धर्म पर व्यंग्यात्मक प्रहार करते हुए भी कुछ साखियां और समय नहीं लिखी हैं, कबीर दास जी की प्रमुख रचनाओं में सखी, शबद,रमैनी ऐसी रचनाएं हैं जो सबसे अधिक प्रसिद्ध हैं।कबीर दास जी कहते हैं की प्रवचन सुनने से व्यक्ति को बहुत सारे लाभ मिलते हैं।इसमें सबसे पहला लाभ लाभ यह है कि प्रवचन अर्थात सत्संग हमको भगवान से जुड़े रखने में सहायक होते हैं।