सार
जस्टिस उदय उमेश ललित देश के नामी वकीलों में से एक रहे हैं और उन्हें 13 अगस्त, 2014 को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्ति मिली थी। मौजूदा चीफ जस्टिस एनवी रमना 26 अगस्त को रिटायर होंगे।
विस्तार
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत सुप्रीम कोर्ट की बात की गई जबकि अनुच्छेद 126 के तहत सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश की नियुक्ति की बात कही गई है । भारतीय संविधान के अनुच्छेद के अनुसार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायाधीश उदय उमेश ललित को बुधवार को भारत का 49 वा प्रधान न्यायाधीश और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया नियुक्त किया राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू ने उनकी नियुक्ति पर हस्ताक्षर किए और वर्तमान में उन्होंने मुख्य सीजीआई का पदभार संभाला। खबरों के मुताबिक जस्टिस ललित का कार्यकाल छोटा होगा और वह 3 माह से भी कम समय तक सीजीआई रहने के बाद 8 नवंबर को रिटायर हो जाएंगे।
जस्टिस ललित वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट में जज बने हैं। जस्टिस ललित के बाद अगले वरिष्ठतम जज जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। वह देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वाईवी चंद्रचूड़ के पुत्र हैं।
भारत के उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का कार्यकाल
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष की होती है अर्थात शीर्ष अदालत के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद रिटायर हो जाते हैं जबकि देश के 25 हाईकोर्ट उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की रिटायरमेंट की उम्र 62 साल है। खबर के मुताबिक न्यायमूर्ति ललित दूसरे सीजीआई होंगे जो पहली ही बार में सीधे प्रमोट होकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचने वाले मुख्य न्यायाधीश है। इससे पहले न्यायमूर्ति एमएम सीकरी मार्च 1964 में सीधे शीर्ष अदालत गए थे और 1971 में देश के 13वे मुख्य न्यायाधीश थे।
कौन है यूयू ललित?
सुप्रीम कोर्ट के नए 49 व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बने यू यू ललित इस साल 8 नवंबर को सेना निवृत हो जाएंगे। उन्होंने जून 1983 में वकालत की शुरुआत मुंबई हाई कोर्ट से की थी । यहां से 1985 तक वकालत करते रहे और 1986 से 1992 तक पूर्व अटार्नी जनरल सोली सोराबजी के साथ रहे सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया था। 13 अगस्त 2014 को सीधे बाहर से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।
हम आपको बता दें कि मई 2021 में यूयू ललित को राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण अर्थात NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी नियुक्त किया जा चुका है
न्यायमूर्ति ललित मुसलमान में तीन तलाक ए प्रथा को गैरकानूनी और असंवैधानिक घोषित करने सहित विभिन्न ऐतिहासिक फैसले में हिस्सा ले रहे हैं। उन्हें 13 अगस्त 2014 को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश नियुक्त किया गया था न्यायमूर्ति ललित दिल्ली में अपनी वकालत जनवरी 1986 में शुरू की थी और 2004 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किया गया था 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले की सीबीआई का पक्ष रखने के लिए विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया था।