BTC Vs BEd latest News: वर्तमान समय BTC और बीएड मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद जहां B.Ed के छात्रों में काफी रोष दिख रहा है वही बीटीसी के छात्रों के चेहरे पर खुशी झलक रही है। इसका सबसे प्रमुख कारण यह है कि बीएड के छात्रों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बाहर कर दिया गया जिसकी वजह से उनके द्वारा अभी तक प्राप्त की गई शिक्षा व्यर्थ हो गई है अर्थात जिन बच्चों ने सीटेट एग्जाम 1st पेपर पास किया था वह भी प्राइमरी शिक्षक भर्ती में अब फॉर्म नहीं डाल सकते। जबकि वर्ष 2018 में NCTE ने साफ कहा था कि B.Ed धारक प्राथमिक शिक्षक में फॉर्म डालने की योग्य है।सुप्रीम कोर्ट में शिक्षक भर्ती को लेकर ( (BEd vs BTC) एक बड़ा विवाद फिलहाल हल हो गया है। इस निर्णय के बाद बीटीसी वालों के लिए प्राथमिक शिक्षक भर्ती में जाने के सभी रास्ते साफ हो गए हैं। परंतु सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय बीएड छात्रों के लिए काफी दुखदाई है। कई ऐसे छात्र हैं जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और उन्होंने सब कुछ दांव पर पर लगाकर B.Ed इस उम्मीद से किया था कि उनका शिक्षक भर्ती में चयन हो जायेगा परंतु सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की अवहेलना कोई भी नहीं कर सकता।
हम आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय और यह विवाद राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा लिए गए एक निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में लिया गया है। जिसमें यह बताया और सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह निर्धारित किया गया है की प्राथमिक कक्षाओं के लिए जो सामान्य रूप से पहली कक्षा से लेकर पांचवी कक्षा तक होती है उन कक्षाओं के लिए यानी कि प्राथमिक विद्यालयों (Supreme Court on BEd and BTC ) के लिए केवल अब बीटीसी (BTC) करने वाले उम्मीदवार ही शिक्षक बन पाएंगे और बीएड (BEd)को इस रेस यानी इस दौड़ से बाहर कर दिया गया है।
क्या उत्तर प्रदेश में भी B.Ed धारकों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती से कर दिया गया है बाहर…..
अब हम बात करते है उत्तर प्रदेश की। उत्तर प्रदेश में एक और नई हवा चल रही है जिसमें यह निकालकर आ रही है की उत्तर प्रदेश में इस निर्णय को लेकर एक बड़ा बदलाव हो सकता है और सभी प्रकार के अभ्यर्थी चाहे वह बीएड (BEd) के अंतर्गत आते हैं चाहे वह बीटीसी (BTC) के अंतर्गत आते हो सभी को शिक्षक बनने का मौका मिलेगा तो आईए जानते हैं क्या है पूरी खबर और अपडेट…
B.Ed vs BTC सुप्रीम कोर्ट के फैसले में होगा बदलाव –
उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध नज़र आ रही है और इसी कड़ी में एक खबर सोशल मीडिया और तमाम मीडिया पोर्टलों पर वायरल हो रही है इसमें यह बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार बीएड (BEd) और बीटीसी (BTC) पर जारी किए गए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय (Supreme Court Judgement on BEd and BTC Case) पर विचार करते हुए इसमें बदलाव करेगी और सभी उम्मीदवार चाहे वह बीएड (BEd) वाले हों या बीटीसी (BTC/DElEd) वाले सभी को प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए पात्रता दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार (BEd vs BTC Uttar Pradesh) युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है और उत्तर प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है कि युवाओं को किसी न किसी तरह से रोजगार दिया जाए। बीएड (BEd) और बीटीसी (BTC/DElEd) के मामले पर फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार सीएम योगी आदित्यनाथ ने अभी कोई भी आधिकारिक स्टेटमेंट नहीं दिया है लेकिन यह संभव है कि उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा लाए गए इस जजमेंट (Judgement on BEd and BTC/DElEd) पर विचार करें और केवल उत्तर प्रदेश के लिए उम्मीदवारों को प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए पात्र बनाएं। हालांकि आसान नहीं होगा और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को चुनौती देना भी गंभीर विषय होगा।