महाकुंभ को उत्तर प्रदेश का 76वां जिला बनाने का निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम है जो इस क्षेत्र के विकास और प्रगति को बढ़ावा देगा।
महाकुंभ, जो प्रयागराज जिले का एक हिस्सा था, अब एक अलग जिला होगा। यह निर्णय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया है और इसका उद्देश्य इस क्षेत्र के विकास और प्रशासनिक सुविधा को बढ़ाना है।
महाकुंभ 2025 (प्रयागराज)
उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज के महाकुंभ क्षेत्र को नया जिला घोषित कर दिया है। इसे महाकुंभ मेला जनपद के नाम से जाना जाएगा। महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होगा।
महाकुंभ को उत्तर प्रदेश का 76वा जिला बनाने कायह फैसला आगामी कुंभ मेले के प्रबंधन और प्रशासन को सुव्यवस्थित करने के लिए लिया गया, ताकि जनवरी 2025 में होने वाले भव्य धार्मिक आयोजन के सुचारू संचालन को सुनिश्चित किया जा सके। डीएम के जारी आदेश के मुताबिक, नवगठित जिला महाकुंभ मेला के नाम से जाना जाएगा। कुंभ मेले के विशेष आयोजन को सुचारू रूप से मैनेज करने और प्रशासनिक कार्यों को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए यह कदम उठाया गया है
नए जिले की कानून व्यवस्था
महाकुंभ मेला जिले में पूरा परेड क्षेत्र और चार तहसीलों सदर, सोरांव, फूलपुर और करछना के 67 गांव शामिल हैं. महाकुंभ मेला जिले के कलेक्टर मेलाधिकारी विजय किरन आनंद होंगे, जबकि एसएसपी के तौर पर राजेश द्विवेदी की नियुक्ति पहले ही हो चुकी है.
नया (76वां ) जिला बनाने का लाभ
महाकुंभ को अलग जिला बनाने से इस क्षेत्र के निवासियों को कई लाभ होंगे। उन्हें अब अपने जिले में ही सभी प्रशासनिक और विकास संबंधी सुविधाएं मिलेंगी। इसके अलावा, यह निर्णय इस क्षेत्र के विकास को भी बढ़ावा देगा।
महाकुंभ का इतिहास और सांस्कृतिक महत्व भी बहुत अधिक है। यह क्षेत्र हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और यहां हर 12 वर्ष में कुंभ मेला आयोजित किया जाता है। इस निर्णय से इस क्षेत्र के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को भी बढ़ावा मिलेगा।
महाकुंभ को उत्तर प्रदेश का 76वां जिला बनाने का निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम है जो इस क्षेत्र के विकास और प्रगति को बढ़ावा देगा। यह निर्णय इस क्षेत्र के निवासियों को कई लाभ प्रदान करेगा और इस क्षेत्र के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को भी बढ़ावा देगा।