ब्रिटिश लेखिका समांथा हार्वी उनके उपन्यास और आर्बिटल के लिए वर्ष 2024 का बुकर पुरस्कार दिया गया है। समांथा हार्वी 2019 के बाद बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली महिला और 2020 के बाद यह अवार्ड जीतने वाली पहली ब्रिटिश लेखिका है।
स्पेस स्टेशन और एस्ट्रोनॉट पर आधारित है इनका उपन्यास
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार अंग्रेजी साहित्य की दुनिया के सबसे बड़े पुरस्कारो में से एक है। समांथा हार्वी को उनके उपन्यास ऑर्बिटल के लिए 2024 का बुकर पुरस्कार दिया गया है। हार्वी को अवार्ड के साथ 50 पाउंड यानी 58.7 लख रुपए भी प्रदान किए गए हैं। हार्वी के इस उपन्यास के पात्र इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के सिक्स एस्ट्रोनॉट्स हैं जो एक दिन के दौरान 16 सूर्योदय और 16 सूर्यास्त से गुजरते हैं और दुनिया के लगातार बदलते दृश्य से मंत्र मुक्त हो जाते हैं हार्वी इससे पहले चार उपन्यास और अनिद्रा पर संस्मरण भी लिख चुकी है।
सामान्य हार्वी का अनुभव
सामान्य हर भी बताती हैं कि कोविडके दौरान उन्होंने लॉकडाउन में ऑर्बिटल उपन्यास लिखना शुरू किया। बुकर पुरस्कार जीतने पर सामान्य हार्वी ने आगे बताया कि मैं अंतरिक्ष यात्रियों की किताबें पढ़कर और अंतरिक्ष स्टेशन के लाइव कैमरे को देखकर अपने उपन्यास के लिए रिसर्च किया वह अपनी किताब के बारे में बताती है कि अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखना एक बच्चे के आईने मेंदेखने जैसा होता है।
पहली बार उसे एहसास होता है कि आईने में दिखने वाला व्यक्ति वह खुद है हम पृथ्वी के साथ जो कुछ भी करते हैं वही हम खुद के साथ भी करते हैं या उपन्यास क्लाइमेट चेंज के बारे में नहीं है लेकिन धरती के नजरिए से इसमें मानव निर्मित जलवायु परिवर्तन का तत्व निहित है
सामंती हार्वे आगे बताती है कि यह खोज उनके लिए है जो पृथ्वी को बचाने के पक्ष में है उनके खिलाफ नहीं है।