सार
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा भारत के दो पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और चौधरी चरण सिंह को मरणोपरांत भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया। इनके साथ भारत में हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भी मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इन सभी कार्यक्रमों का आयोजन राष्ट्रपति भवन में किया गया।
विवरण
देश के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को चार शख्सियत को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया। भारत रत्न पुरस्कार देश का सबसे सर्वोच्च पुरस्कार माना जाता है। यह लोगों को उनके विशेष कार्यों के लिए दिया जाता है। इस वर्ष 2024 में यह भारत रत्न पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव ,चौधरी चरण सिंह ,कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन और बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर को दिया गया । इसमें से कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें मरणोपरांत भारत रत्न प्रदान किया गया।
पी वी नरसिम्हा राव
![](https://i0.wp.com/indiamitra.com/wp-content/uploads/2024/03/image_editor_output_image-1586836303-1711867363589186019141155621243.png?resize=459%2C324&ssl=1)
पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव को मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया । यह पुरस्कार नरसिम्हा राव के लिए उनके पुत्र पीवी प्रभाकर राव को प्रेसीडेंस द्रौपदी मुर्मू द्वार सम्मानस्वरुप प्रदान किया गया।
पीवी नरसिम्हा राव देश के पूर्व प्रधानमंत्री थे। इन्होंने लगातार आठ बार चुनाव जीते और पीएम बने। पीएम रहते हुए इन्होंने देश में दूरगामी आर्थिक सुधारो की शुरुआत की थी वह 1991 से 1996 तक देश के पीएम रहे। भारत के दक्षिणी राज्य से सीएम बनने का गौरव सबसे पहले नरसिन्हा राव को मिला। देश को आर्थिक संकट से निकलने में उनके योगदान को आज भी देश याद करता है।
राव को भारत की राजनीति का चाणक्य कहा जाता है। वे भारत में आर्थिक उदारीकरण के जनक माने जाते हैं। वो आठ बच्चों के पिता थे, 10 भाषाओं में बात कर सकते थे और अनुवाद के भी उस्ताद थे।
चौधरी चरणसिंह
![](https://i0.wp.com/indiamitra.com/wp-content/uploads/2024/03/image_editor_output_image-66941088-17118672706355513483934425815738.png?resize=399%2C324&ssl=1)
चरण सिंह उत्तर प्रदेश के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे, और 1979 में भारत के प्रधान मंत्री बने। जाट नेता चौधरी चरण सिंह 28 जुलाई 1979 और 14 जनवरी 1980 के बीच में देश के प्रधानमंत्री पद पर रहे।
‘किसानों के चैंपियन’ के रूप में जाने जाने वाले, उन्हें उत्तर भारत में कृषक समुदायों को शामिल करते हुए एक नया राजनीतिक वर्ग बनाने का श्रेय दिया जाता है। यह पुरस्कार चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी के द्वारा प्राप्त किया गया।
एमएस स्वामीनाथन
![](https://i0.wp.com/indiamitra.com/wp-content/uploads/2024/03/image_editor_output_image-626890649-1711867150922129244909431870274.png?resize=444%2C341&ssl=1)
कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को कृषि क्षेत्र में उत्कर्ष कार्य करने के लिए देश का सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न प्रदान किया गया। कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर एस स्वामीनाथन की ओर से उनकी बेटी नित्या राव ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से यह सम्मान प्राप्त किया।
कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने वर्ष 1966 – 67 में देश में धान की फसल को बढ़ावा देने के लिए अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने धान की उपज देने वाली किस्मों को विकसित करने में बड़ा योगदान दिया था. उन्हीं की वजह से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को काफी मदद मिली थी।
कर्पूरी ठाकुर
![](https://i0.wp.com/indiamitra.com/wp-content/uploads/2024/03/image_editor_output_image1761305963-17118671144976475504307860068445.jpeg?resize=399%2C218&ssl=1)
कर्पूरी ठाकुर की ओर से उनके बेटे रामनाथ ठाकुर ने यह सम्मान प्राप्त किया रामनाथ जेडीयू सांसद है।
भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर अपने दिवंगत पिता के लिए पुरस्कार पाकर बहुत खुश थे। जेडीयू नेता ने कहा, “मैं बहुत खुश हूं। भारत सरकार ने उनके काम को स्वीकार किया और उन्हें यह पुरस्कार दिया। देश की ओर से, मैं उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने के लिए पीएम मोदी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।”
जन नायक कहे जाने वाले कर्पूरी ठाकुर थोड़े समय के लिए – दिसंबर 1970 से जून 1971 तक और दिसंबर 1977 से अप्रैल 1979 तक – बिहार के मुख्यमंत्री रहे।
लालकृष्ण आडवाणी
![](https://i0.wp.com/indiamitra.com/wp-content/uploads/2024/03/lal-krishna-advani-loses-room-in-parliament3801570703069305348.jpg?resize=788%2C443&ssl=1)
भारत रत्न पुरस्कार देने की घोषणा की थी, जिनमें एक लालकृष्ण आडवाणी भी शामिल हैं। इस वर्ष कुल पांच लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है, जो 1999 के बाद से सबसे अधिक है, जब शनिवार के समारोह राष्ट्रपति भवन में शनिवार को आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश की चार महान हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित किया।
इसमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर, देश के पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव एवं चौधरी चरण सिंह और देश के प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन शामिल रहे. इन चारों ही लोगों को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया। सरकार ने सभी को मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान देने का ऐलान किया था। मैं तो लालकृष्ण आडवाणी एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनको जीवित रहते हुए ही भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
लालकृष्ण आडवाणी, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। भारतीय जनता पार्टी को भारतीय राजनीति में एक प्रमुख पार्टी बनाने में उनका योगदान सर्वोपरि कहा जा सकता है। वे कई बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं।