1 अप्रैल को फूल डे अर्थात मूर्ख दिवस मनाया जाता है। लोग इस दिवस को मनाए जाने के अलग-अलग कारण मानते है। इस दिवस के पीछे कई मान्यताएं हैं- एक मान्यता के अनुसार, इस दिन झूठ बोलकर बुरी आत्माओं को भगाया जाता है। वहीं, एक अन्य मान्यता के अनुसार, इस दिन झूठ बोलकर लोगों को खुश करने और हंसाने का प्रयास किया जाता है हालांकि, 1 अप्रैल केवल झूठ बोलने का दिन नहीं है, बल्कि यह हास्य और मस्ती का दिन भी है। इसलिए से हास्य व मस्ती दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
इसके पीछे का इतिहास
भारत में अप्रैल फूल डे सेलिब्रेट करने की शुरुआत 19वीं शताब्दी में माना जाता है, क्योंकि उस वक्त अंग्रेजों का राज था और वह अपने कल्चर को भी यहां बढ़ा रहे थे। माना जाता है कि उन परंपराओं में से एक परंपरा अप्रैल फूल डे भी है। जो अंग्रेजों के समय से मनाया जा रहा है।
इस दिन सभी लोग एक-दूसरे को बेवकूफ बनाने के बहाने ढूंढते रहते हैं। बता दें, शुरूआत में यह दिन पहले फ्रांस और अन्य यूरोपीय देशों में मनाया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे अन्य देशों ने भी इस दिन को मनाने का चलन शुरू हो गया।
देखा जाए तो ये दिन हंसने और हंसाने का दिन है। इस दिन लोग अपने दोस्तों, करीबियों और रिश्तेदारों को मूर्ख बनाते हैं। जब सामने वाला झूठी बातों में फंसकर मूर्ख बन जाता है, तब उसे April Fool कहा जाता है।
1 अप्रैल से जुड़े अन्य इतिहासिक तथ्य
1969: भारत का पहला न्यूक्लियर एनर्जी स्टेशन महाराष्ट्र के तारापुर क्षेत्र में शुरू हुआ।
1935: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने काम करना शुरू किया।
1933: पाकिस्तान के कराची में भारतीय वायु सेना की स्थापना की गई।