जब चांद अपने आकार से कुछ ज्यादा ही बड़ा दिखाई देता है,तो दुनियाभर में इस खगोलीय घटना को सुपरमून कहा जाता है। कल यानी 13 जुलाई को हुई थी जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब आ गया था। इस दौरान अगर आप इस नजारे को देखना भूल गए तो अगला सुपरमून एक साल बाद 2023 में ही देखने को मिलेगा..
क्या होता है सुपरमून
सुपरमून (Supermoon) एक खगोलीय घटना होती है। इस समय चंद्रमा की कक्षा उसे पृथ्वी के सामान्य से अधिक करीब लाती है, जिसे सुपरमून कहा जाता है। इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है। यदि मौसम अनुकूल हो तो चंद्रमा अधिक चमकीला और अधिक बड़ा दिखाई दे सकता है।
पूर्णमासी के दिन धरती के सबसे नजदीक दिखा चंद्रमा
दुनिया भर में दिखा सबसे बड़ा चमकीला चांद आपको बता दें कि 13 जुलाई को दुनिया भर में सबसे बड़ा चांद देखने को मिला ऐसी घटना पिछले साल भी देखने को मिली थी सुपरमैन की स्थिति 2023 में 3 जुलाई को होगी। आइए जानते हैं कि पूर्णमासी के दिन कैसा दिखा का नजारा
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन बुधवार रात दुनिया ने सुपरमून का नजारा देखा इस दिन चंद्रमा धरती के सबसे नजदीक होता है ।इसलिए यह सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा चमकीला नजर आता है। भारत के समय के मुताबिक चांद पर 2:30 बजे धरती के सबसे नजदीक था । यही नहीं यह समय सुपरमून का था अब कुछ घंटों बाद शाम 7:14 के बाद फुल मून नजर आया पूरा चांद ।
सुपरमून शब्द की शुरुआत
सुपरमून शब्द की शुरुआत 1979 में हुए थे । इस साल सुपरमैन को बकमून कहा गया क्योंकि इन दिनों हिरण के सींग होते हैं। अगले साल सुपरमून का नजारा बड़ा ही रोमांचक होने वाला है।
क्यों दिखा 13 जुलाई को ही सुपरमून नजारा??
13 जुलाई को सुपरमून का नजारा आसमान में देखने को मिला क्योंकि इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब यानी 3.50 लाख किलोमीटर की दूरी पर था। इस दिन पेरिजी और एपजी की घटनाएं भी देखने को मिलती है। यही कारण है कि 13 जुलाई को निकलने वाली पूर्ण चंद्रमा को सुपरमून की संज्ञा दी गई।
क्या है पेरीजी की घटना
जिस स्थिति में चांद धरती के सबसे नजदीक होता है,उसको पेरीजी की घटना कहते है।
एपजी किसे कहते है?
एपजी यानी जब चांद धरती के सबसे दूर करीब 4 लाख किलोमीटर की दूरी पर होता है ,तो यह घटना एपजी कहलाती हैं।
पिछला सुपरमैन 24 जून 2021 को पड़ा था इस वर्ष सुपरमैन 13 जुलाई 2022 को वही 2030 में सुपरमूनमें 23जुलाई को पड़ेगा