सिविल सर्विसेज एक्जाम यानी यूपीएससी देश की सबसे बड़ी और कठिन परीक्षा मानी जाती है जिसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थी आवेदन करते हैं। UPSC भारत सरकार की प्रमुख एजेंसी है। जिसके माध्यम से ग्रुप ए ग्रुप भी अधिकारियों का चयन किया जाता है।
परीक्षा की तैयारी के लिए सिस्टम में आना तो बहुत आसान है लेकिन वहां से लौटना काफी मुश्किल हो जाता है क्योंकि जब कैंडिडेट एक बार आईएएस पीसीएस बनने का सपना देखा है तो पूरी दुनिया को किनारे कर सपने को साकार करने के संकल्प की गांड बांधता है। ऐसे में इसे छोड़कर जाना आसान नहीं होता है क्योंकि एक वह परीक्षा में सफल होने का सपना छोड़ना नहीं चाहता। इसका सबसे बड़ा कारण यह भी माना जा सकता है कि एक तो बच्चों का खुद का सपना और उसके ऊपर से उनके मां-बाप का सपना। जिनको वें हर हाल में पूरा करना चाहते हैं।
यूपीएससी(UPSC)
यूपीएससी का पूरा नाम संघ लोक सेवा आयोग यानी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन है। यह भारत सरकार की केंद्र स्तर की परीक्षा मानी जाती है और यूपीएससी केंद्र सरकार की प्रमुख एजेंसी है।यह केंद्र सरकार के टॉप लेवल अफसर के लिए भर्ती प्रक्रिया आयोजित करती है। जिसमें यूपीएससी सिविल सर्विसेज कैडर और डिफेंस कैडर के तहत ग्रुप ए ग्रुप बी के पदों के लिए परीक्षाओं का आयोजन करके अधिकारियों का चयन किया जाता है जो देश के विशेष कार्य भार को संभालते हैं।
तीन चरणों में होती है परीक्षा…
सिविल सर्विसेज की परीक्षा तीन चरणों में संपन्न कराई जाती है जिसमें पूरा 1 वर्ष का समय लगता है। यूपीएससी की परीक्षा में सफल होने के लिए दिल्ली के मुखर्जी नगर में काफी मात्रा अभ्यर्थी तैयारी करते हैं। इसके अलावा देश के अन्य क्षेत्रों में बच्चे यूपीएससी की परीक्षा ऑनलाइन ऑफलाइन के माध्यम से तैयारी करते हैं। यूपीएससी की परीक्षा देने से पहले यह जानना जरूरी होता है की परीक्षा का पैटर्न किया है और परीक्षा के लिए क्या क्राइटेरिया होना चाहिए। इसके अलावा उसके सिलेबस को भी समझना बहुत जरूरी है।आईये जानते हैं कि किन तीन चरणों में संपन्न कराई जाती है सिविल सर्विसेज की परीक्षा-
चरण- 1: प्रारंभिक परीक्षा (Prelims Exam)
यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा में दो प्रश्न पत्रों के माध्यम से परीक्षा ली जाती है। जिसमें से पहले पेपर जीएस का होता है जिसमें करंट अफेयर्स भी पूछी जाती है साथ ही दूसरा पेपर सी सेट का होता है जिसमें बच्चे की बौद्धिक क्षमता का परीक्षण किया जाता है। यह परीक्षा मैया जून महीने में संपन्न कराई जाती है। सी सेट के पेपर में quantity Aptitude, Reasoning and analytical ability mathematics ability or language comprehension skills के प्रश्न पूछे जाते हैं।
चरण- 2: मुख्य परीक्षा(Mains Exam )
मुख्य परीक्षा ऑन कैंडिडेट्स के लिए होती है जो प्राण में परीक्षा उत्तीर्ण कर लेते हैं या परीक्षा अक्टूबर नवंबर माह में संपन्न कराई जाती है परीक्षा का पूरा कैलेंडर नए वर्ष के प्रारंभ में ही जारी कर दिया जाता है। मुख्य परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी ही अंतिम चयन प्रक्रिया में शामिल होते हैं। मुख्य परीक्षा में कुल 8 पेपर देने होते हैं जो लिखित होते हैं साथ ही एक पेपर ऑप्शनल का होता है यह प्रत्येक विद्यार्थी का अलग-अलग हो सकता है।
यूपीएससी की परीक्षा में कुल 45 ऑप्शनल सब्जेक्ट का ऑप्शन दिया गया है जिसमें विद्यार्थी जो चाहे वह सब्जेक्ट चयन कर सकते हैं। जिस भी सब्जेक्ट का विद्यार्थी चयन कर रहे हैं जरूरी नहीं है कि उसे विषय में उन्होंने ग्रेजुएशन किया हो। जैसे यदि किसी बच्चे ने साइंस साइड से पढ़ाई की है तो भी वे इस की मुख्य परीक्षा में आर्ट साइड का कोई सब्जेक्ट ले सकते हैं। यूपीएससी में सब्जेक्ट चयन की छूट दी गई है।
अंतिम रूप से मुख्य परीक्षा में चयनित विद्यार्थियों को ही इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है।
चरण -3: व्यक्तिगत परीक्षा( पर्सनालिटी Test):Interview
व्यक्तिगत परीक्षा को एक शब्द में इंटरव्यू कहा जाता है। इस परीक्षा में विद्यार्थियों के ज्ञान का परीक्षण करने के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व का परीक्षण किया जाता है जिससे पता चलता है कि अभ्यर्थी भविष्य में किस प्रकार का अधिकारी बन सकता है। यह पूरी एग्जाम का तीसरा और आखिरी फेस होता है ऊपर के दोनों चरण पास करने वाले कैंडिडेट्स के व्यक्तित्व,जागरूकता, जानकारी,सामाजिक और सांस्कृतिक संवेदनशीलता और बाकी जरूरी योग्यताओं का आकलन इंटरव्यू के दौरान किया जाता है।