योग विज्ञान पर आधारित एक आध्यात्मिक विषय है , जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित करने का साधन हैा योग के विज्ञान की उत्तपत्ति हजारो साल पहले हुई थी योग का प्रथम गुरु एवं योगी भगवान शिव को माना जाता हैा कई हजार वर्ष पूर्व आदियोगी ने अपने प्रबुद्ध योग ज्ञान को प्रसिद्द सप्त ऋषियों (कश्यप, अत्रि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और भारद्वाज।) को प्रदान किया ा
इन्ही ऋषियो योग को संसार के अलग -अलग भागो में पहुंचाया भारत में ही योग ने पूर्ण अभिव्यक्ति प्राप्त की है उपनिषद में योग के पर्याप्त प्रमाण हैा
योगाभ्यास का प्रामाणिक चित्रण लगभग ३००० ईस्वी पूर्व सिंधुघाटी सभ्यता की मोहरो और मूर्तियों में मिलता हैा योग का प्रामाणिक ग्रन्थ योगसूत्र २०० ईस्वी पूर्व लिखा गया, प्रथम व्यवस्थित ग्रन्थ हैा योग के तीन अंग है -तप, स्वाध्याय, ईश्वर प्रणिधान इसे क्रिया योग कहा जाता हैा वैदिक काल में सूर्य को बहुत अधिक महत्व दिया जाता था और आज भी दिया जाता है इसीलिए वैदिक काल में सूर्यनमस्कार योग प्रारम्भ किया गया जो आज भी प्रचलन में है
योग का जनक योग गुरु पतंजलि को माना जाता हैा पतंजलि के बाद योग को आगे बढ़ाने श्रेय आदिगुरु शंकराचार्य, रामानुजचार्य माधवाचार्य हठयोग परम्परा के गोरखनाथ श्रीनिवास भट्ट है, जिन्होंने योग को शीर्ष तक पहुंचाने में अतुलनीय योगदान दिया इसके आलावा रामकृष्ण परमहंस, विवेकानंद , आदि ने राजयोग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया इस युग में भक्ति योग हठयोग वेदांत योग अपने सर्वोच्च स्तर पर था जैन और बौद्ध जागरण और उत्थान काल के दौर में यम और नियम के अंगो पर जोर दिया जाने लगा
वर्तमान में स्वामी रामदेव का पतंजलि योगपीठ, स्वामी सत्यानंद का बिहार ऑफ़ योगा श्री श्री रविशंकर का आर्ट ऑफ़ लिविंग का योग, परमार्थ निकेतन ऋषिकेश, स्वामी विवेकानंद योग संस्थान आदि ा
भारत में योग ( अंतराष्ट्रीय योग दिवस)
अंतराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) की शुरुआत की सर्वप्रथम 21 जून 2015 को भारत में हुई। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को दिए गए प्रस्ताव को स्वीकृति मिली और 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाना प्रस्तावित किया गया।
अभी प्रश्न यह उठता है कि 21 जून ही क्यों? इसका उत्तर है –
21 जून उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन है और दुनिया के कई हिस्सों में एक विशेष महत्व रखता है, अतः माननीय प्रधानमंत्री जी ने इस दिन का सुझाव दिया।
वर्ष 2018 में योग सत्र के बाद, अधिकारियों ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें लिखा था, “21 जून 2018 को राजस्थान सरकार के पतंजलि योगपीठ और जिला प्रशासन कोटा, राजस्थान में सबसे बड़ा योग लेसन ग्रहण किया जिसमे सबसे अधिक मात्रा में लोगों ने भाग लिया “।