रक्षाबन्धन भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबन्धन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बन्धन बांधती है, जिसे राखी कहते हैं। एक हिन्दू व जैन त्योहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं। रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है। रक्षाबंधन भाई बहन के रिश्ते का प्रसिद्ध त्योहार है.
- रक्षा बंधन एक ऐसा बंधन है जिसे रक्षा की कामना के लिए बांधा जाता है ।
- रक्षाबंधन भाई और बहन के प्रेम का पवित्र बंधन है ।
- रक्षाबंधन का त्यौहार महाराष्ट्र में नारियल पूर्णिमा के नाम से प्रसिद्ध है ।
- रक्षाबंधन को श्रावणी और सलूनो नाम से भी जाना जाता है ।
- रक्षाबंधन हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा में मनाया जाता है ।
- रक्षाबंधन भारत के साथ नेपाल और मॉरीशस में भी मनाया जाता है।
- अमरनाथ की धार्मिक यात्रा की शुरुआत गुरु पूर्णिमा से होती है , और रक्षा बंधन के दिन समाप्त होती है।
- रक्षाबंधन के दिन मराठी लोग समुद्र के या नदी के किनारे जाकर अपना जने बदलते हैं और समुद्र या फिर नदी की पूजा करते हैं ।
- पुराणों में कहा जाता है कि भगवान यम उनकी बहन यमुना ने भी राखी बांधी थी ।
- रक्षाबंधन में राखी हमेशा दाहिनी कलाई पर बांधने चाहिए ।
- रक्षाबंधन सावन का आखिरी दिन होता है ।
- रक्षाबंधन शब्द का अर्थ है “रक्षा का बंधन” ।
- भारत में कुछ जगह पर पेड़ों की रक्षा के लिए पेड़ों को भी धागा बांधा जाता है ।
- यह माना जाता है कि इसी दिन हिमानी शिवलिंग भी आकार ग्रहण करता है।
- रक्षाबंधन का त्यौहार सिर्फ भाई और बहन के लिए ही होता है ।