मौनी अमावस्या 2022: हिंदू पंचांग गणना के अनुसार इस साल मौनी अमावस्या का स्नान 1 फरवरी दिन मंगलवार को किया जाएगा ।
हम आपको बता दें कि मौनी अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में मौन रहकर स्नान का विधान है। आइए जानते हैं इस स्नान के बारे में सभी महत्वपूर्ण बातें , नियम व उसका महत्व
हिन्दी कैलेंडर के अनुसार किस महीने में पड़ती है मौनी अमावस्या
कहा जाता है माघ माह में स्नान दान का विशेष महत्व होता है इस माह में गंगा नदी तथा अन्य पवित्र नदियों में स्नान से पूर्व की प्राप्ति होती है। इससे लोगों का एह लोक और परलोक दोनों ही सुधर जाते हैं। परंतु इसके साथ में अच्छे कर्म का होना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
इस माह की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है अमावस्या माघ माह के मुख्य स्थानों में से एक माना जाता है हिंदी कैलेंडर के पंचांग की गणना के अनुसार इस साल मौनी अमावस्या का स्नान 1 फरवरी दिन मंगलवार को किया जाएगा अमावस्या तिथि को शाम 2:20 पर लगेगी लेकिन 1 फरवरी को होने के कारण 1 फरवरी को किया जाएगा हम आपको बता दें कि मौनी अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने का एक विशेष नियम है जो व्यक्ति प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में मौन रहकर स्नान करता है उसे अनेकों पुण्य की प्राप्ति होती है आइए जानते हैं इसके बारे में और भी अन्य बातें
क्या है मौनी अमावस्या का महत्व?
मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में मौन रहकर स्नान करने का विधान है मान्यता है कि इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में सभी देवगण पवित्र नदियों में स्नान करते हैं इस काल में स्नान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
मौनी अमावस्या का दिन एक विशेष दिन होता है इस दिन गंगा नदी या फिर अन्य पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है सभी देवता गण अमावस्या के दिन नदी में स्नान करने के लिए आते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद भी देते हैं ।
अगर नदियों में नहाना संभावना हो तो घर में ही गंगाजल डालकर के स्नान किया जा सकता है उससे भी उसी पुण्य की प्राप्ति होती है इस पुण्य की प्राप्ति गंगा नदी जैसी नदियों में स्नान करने से होती है क्योंकि गंगा हमारी माता है इनकी जल मात्र का प्रयोग करने से ही इंसान को पुण्य प्राप्त हो जाता है।
मौनी अमावस्या के दिन हानि के जल में काले तिल डालकर स्नान करने से श्री हरि विष्णु जी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस दिन पूजा की विधान के रूप में स्नान के बाद तांबे के लोटे में गंगाजल काले तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्थ देना चाहिए ऐसा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है।
स्नान के बाद स्वच्छ साफ वस्त्र पहनकर भगवान सूर्य और विष्णु जी के मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए।
मौनी अमावस्या पर ग्रहों का महासंयोग
- इस तिथि पर शनि मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
- अगर इस दिन गुरु और केतु की युति धनु राशि में होगी।
- अगर इस खास तिथि पर पवित्र स्थलों पर स्नान किया जाता है तो शुभ होगा।
मौनी अमावस्या को दान करने से मिलेगा विशेष लाभ और होगा कल्याण
- अपने पितरों के नाम से किसी गौशाला में गाय को चारा खिलाएं।
- जरूरतमंद या गरीब लोगों को दान करें।
- इन उपायों के अलावा तिथि पर किसी भी मंदिर में दो पीपल के पौधे लगा दें।
- इस दिन तिल गुड़ वस्त्र कंबल का दान करना चाहिए एवं तिल के लड्डू को भी प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए इसका अपना एक विशेष महत्व होता है।
- मौनी अमावस्या के दिन स्नान व दान करने से अच्छे फल की प्राप्ति होती है वह सभी देवों का और विधाता का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है ।