शिव ही शक्ति है ,
शिव ही भक्ति,
शिव ही दिन और रात हैं ।
शिव से मेरी आत्मा है,
शिव ही भोलेनाथ हैं ।।
महाशिवरात्रि ,इस वर्ष 2022 में महाशिवरात्रि का एक विशेष योग बन रहा है इस दिन पूजा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर महादेव की विशेष कृपा होगी
महाशिवरात्रि ,इस वर्ष 2022 में महाशिवरात्रि का एक विशेष योग बन रहा है इस दिन पूजा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर महादेव की विशेष कृपा होगी
आज 1 मार्च दिन मंगलवार को महाशिवरात्रि का पूजन है। ये दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। इस बार शिवरात्रि 2 दिन के विशेष पर्व पर मनाई जा रही है अर्थात सोमवार 28 फरवरी को प्रदोष व्रत का शुभ दिन था वही 1 मार्च 2022 को महाशिवरात्रि का विशेष दिन है।
भगवान शिव को समर्पित यह दोनों ही दिन पूजा के लिए बहुत ही शुभ माने जा रहे हैं ज्योतिषियों का कहना है कि इससे पहले 12-13 फरवरी 2018 को ऐसा संयोग बना था और अब आज से 20 साल बाद यानी 2042 में ऐसा संयोग दोबारा बनने बनेगा।
जाने किस विशेष तिथि को मनाया जाता है महाशिवरात्रि?,जिसमें होता है सर्व सिद्धि योग
महाशिवरात्रि भगवान शिव का एक विशेष दिन होता है क्योंकि इस दिन माता पार्वती और शिव जी का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि का पर्व फागुन कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है । हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव का प्राकट्य हुआ था। इसके अलावा शिवजी का विवाह भी इसी दिन माना जाता है इस दिन महादेव की उपासना से व्यक्ति को जीवन में संपूर्ण सुख की प्राप्ति हो सकती है । शिवरात्रि पर व्रत उपवास ,मंत्र ,जाप और रात्रि जागरण का विशेष महत्व बताया गया है।
वर्ष 2022 में महाशिवरात्रि का क्या है विशेष योग
इस बार महाशिवरात्रि के दिन ग्रहों के दुर्लभ संयोग में भगवान शिव की उपासना अधिक फलदाई मानी जा रही है ज्योतिषियों की माने तो महाशिवरात्रि पर इस बार शिव योग के साथ ही मकर राशि में पंच ग्रही योग का निर्माण होगा। और कुंभ राशि में सूर्य गुरु की युति बनेगी।
28 फरवरी को सोम प्रदोष व्रत पर सर्व सिद्धि योग में भी भगवान शिव जी की पूजा करना भक्तों के लिए विशेष फलदाई सिद्ध हो सकता था परंतु आज 1 मार्च को भी इसका सर्व सिद्धि योग है इस दिन भगवान शिव की उपासना करने वालों को मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है। भगवान शिवजी का व्रत रखने से प्रत्येक व्यक्ति की रोग, बीमारी दूर हो जाएंगी एवं सभी की मनोकामनाएं जैसे धन, पुत्र ,लक्ष्य एवं सफलता को लेकर जो भी मनोकामनाएं है भगवान शिव की विशेष कृपा से सभी मनोकामनाएं इस महाशिवरात्रि पर पूरी होंगी क्योंकि इस शिवरात्रि पर भगवान शिव और माता सती स्वयं आशीर्वाद देने आएंगे।
इस दिन सर्वोदय के सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले भगवान भोलेनाथ की पूजा विधि विधान से करें ऐसा करने से जाने-अनजाने हुए पापों का प्रायश्चित भी हो जाएगा और महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ और मां की विशेष कृपा एवं आशीर्वाद भी प्राप्त होगा।
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कैसे करें महाशिवरात्रि का विशेष पूजन?
- इस दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनकर स्वच्छ निर्मल मन से भगवान शिव एवं माता पार्वती का ध्यान करते हुए पूजा करें एवं शिव पूजा का संकल्प पूरे शुद्ध मन से ले
- इसके पश्चात सूर्य देव को अर्थ दे और शिव जी को भी जल अर्पित करें
- संभव हो तो शिवा ले जाकर भगवान शिव का पूजन करें यदि नहीं संभव है तो घर पर भी आप भगवान शिव के मन से पूजा कर सकते हैं।
- भगवान शिव की पूजा में मंत्र उच्चारण करके भगवान शिव जी का जाप करें
- रात में शिव मंत्रों के अलावा रुद्राष्टकम शिव स्तुति का पाठ भी कर सकते हैं।
- अगर 4:00 पर पूजन करते हैं तो पहले पहर में दूध दूसरे पहर में दही तीसरे पहर में भी और चौथे पहर में शहद से भगवान शिव की पूजा करें।
- हर पहर में जल का प्रयोग जरूर करना चाहिए
- भगवान शिव को भांग ,धतूरा, बेल पत्री एवं कोई सुंदर पुष्प अर्पित करें
- इस दिन भगवान को दूध अर्पण करना चाहिए परंतु दूध को कभी भी तांबे के बर्तन में नहीं जाना चाहिए क्योंकि तांबे के बर्तन में वह जहरीला हो जाता है।
महाशिवरात्रि पर शिव जी को प्रसन्न कैसे करें
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तो व्यक्ति का शुद्ध निर्मल मन ही काफी है क्योंकि भगवान तो भाव में है उनकी पूजा ही मात्र करने से उनका आशीर्वाद नहीं मिलेगा अपितु मन में लोगों के प्रति दया भाव होने से भी भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होगा तो आइए जानते हैं कि भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए किस प्रकार करें उनकी पूजा-अर्चना, जिससे भोलेनाथ की विशेष कृपा और आशीर्वाद प्राप्त हो
- महाशिवरात्रि पर चार पहर की पूजा करनी चाहिए
- इस दिन किसी बड़े पात्र में धातु से बने शिवलिंग है मिट्टी से बने शिवलिंग की स्थापना करें और फिर उसी की पूजा करनी चाहिए।
- शिव पूजा में सबसे पहले मिट्टी के पात्र में पानी भरकर ऊपर से बेलपत्र, धतूरे के पुष्प चावल आदि एक साथ डाल कर शिवलिंग पर चढ़ाएं।
- सूर्योदय से पहले ही उत्तर पूर्व दिशा में पूजन आरती की तैयारी कर ले।
- महाशिवरात्रि के दिन भर रात में शिव पुराण का पाठ करना या सुनना चाहिए इससे विशेष फल प्राप्त होगा
- शिवरात्रि के दिन जागरण भी किया जा सकता है। भगवान भोलेनाथ से प्रसन्न होते हैं।
- कोई सामग्री उपलब्ध ना होने पर केवल शुद्धता जाजल शिवजी को अर्पित करने पर भगवान शिव जी की विशेष कृपा होती है और भी प्रसन्न होते हैं।
- शास्त्रों के अनुसार शिवजी को महादेव इसलिए कहा गया है क्योंकि वह देवता देती मानव मानव नाग किन्नर गंधर्व पशु पक्षी व समस्त वनस्पति जगत के स्वामी हैं और सब के पिता हैं आ जाता है इसलिए भगवान शिव को जगत पिता कहा जाता है।
- इस दिन व्रत उपवास आदि करने से भगवान शिव जी के साथ माता की भी कृपा प्राप्त होती है उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यहां दिन विशेष योग वाला है।
- इस पूजा में व्रत उपवास रखकर बेलपत्र जल से शिवजी की पूजा अर्चना करके जो तेल खीर और बेलपत्र का हवन करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
महाशिवरात्रि चार पहर की पूजा का समय
- पहले पहर की पूजा 1 मार्च 2022 शाम 6:00 मिनट से रात्रि 9:27 मिनट तक
- दूसरे पहर की पूजा 1 मार्च रात्रि 9:27 मिनट से 12:33 मिनट तक
- तीसरे पहर की पूजा 1 मार्च को रात्रि 12:33 मिनट से सुबह 3:39 मिनट तक
- चौथे पहर की पूजा 2 मार्च सुबह 3:39 मिनट से 6:45 मिनट तक।
- व्रत पारण का शुभ समय 2 मार्च 2022 दिन बुधवार को 6:46 तक रहेगा।
जो लोग चारों पहर की पूजा नहीं करते हैं वह भगवान शिव जी की मात्र एक बार ही पूजा करके उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं अब शिवालय जा करके या अपने घर पर भी शिवजी की पूजा और अर्चना पूरी श्रद्धा भाव से कर सकते हैं ऐसा करने पर भी आपको भगवान शिव जी की विशेष कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होगा
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